Bihar Election 2025: वोटर अधिकार यात्रा के जरिए विपक्षी महागठबंधन ने बिहार की सियासत में माहौल बनाने की कोशिश की।
लेकिन यात्रा खत्म होने के बाद असली परीक्षा अब शुरू हुई है।
कांग्रेस, आरजेडी, सीपीआई-एमएल, वीआईपी और अन्य सहयोगी दलों के बीच तीन बड़े मुद्दों पर सहमति नहीं बन पा रही है।
सीएम का चेहरा, सीटों का बंटवारा और सीटों की संख्या। यही तीन सवाल तय करेंगे कि एनडीए के खिलाफ विपक्ष कितनी मजबूत टक्कर दे पाएगा।
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सीट बंटवारे पर सबसे बड़ा विवाद
Bihar Election 2025: कांग्रेस का कहना है कि पिछले विधानसभा चुनाव में उसे ज्यादातर “हारने वाली सीटें” मिली थीं।
इस बार पार्टी साफ तौर पर “जिताऊ सीटें” चाहती है।
वहीं, सीपीआई-एमएल ने 40 सीटों की मांग कर दी है और वीआईपी पार्टी की एंट्री ने समीकरण और पेचीदा कर दिए हैं।
अनुमानित फार्मूले के अनुसार, आरजेडी को 135-140, कांग्रेस को 50-60, सीपीआईएमएल को 20-25 और वीआईपी को 18-20 सीटें मिल सकती हैं।
हालांकि अब तक कोई अंतिम सहमति नहीं बन पाई है।
सीएम चेहरे पर खींचतान
Bihar Election 2025: महागठबंधन में यह मान लिया गया है कि सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी होने के कारण चेहरा तेजस्वी यादव होंगे।
लेकिन राहुल गांधी और तेजस्वी की हाल की बयानबाज़ी से साफ है कि कांग्रेस पूरी तरह सहज नहीं है।
कांग्रेस चाहती है कि राहुल की मौजूदगी में तेजस्वी का प्रोजेक्शन सीमित रखा जाए, जबकि आरजेडी इस मुद्दे पर समझौते को तैयार नहीं है।
यही खींचतान आगे चलकर बड़ा विवाद बन सकती है।
छोटे दलों की बढ़ती दावेदारी
Bihar Election 2025: वीआईपी की एंट्री के बाद छोटे दलों की दावेदारी भी बढ़ी है। सभी दल अपने हिस्से का प्रभावी दावा कर रहे हैं।
आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण बड़े हिस्से पर दावा करना चाहती है, लेकिन सहयोगियों को साधे बिना तालमेल मुश्किल होगा।
एनडीए से मुकाबले के लिए ज़रूरी एकजुटता
Bihar Election 2025: महागठबंधन इस बात को लेकर भीतर ही भीतर चिंतित है कि अगर तीनों मुद्दों, सीट बंटवारा, संख्या और सीएम चेहरे पर समय रहते सहमति नहीं बनी, तो एनडीए से मुकाबला कमजोर पड़ सकता है।
लेकिन अगर समझौता हो गया, तो विपक्ष सत्ता की राह काफी हद तक आसान कर सकता है।
तेजस्वी के आवास पर अहम बैठक
Bihar Election 2025: सीट शेयरिंग पर चर्चा के लिए तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर कांग्रेस और वीआईपी नेताओं के साथ अहम बैठक हुई।
इसमें तय हुआ कि झारखंड मुक्ति मोर्चा और लोकजनशक्ति पार्टी (पारस गुट) इंडिया गठबंधन के साथ ही चुनाव लड़ेगी।
बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्ण लवरु और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने बैठक को “कई महीनों में सबसे सार्थक” बताया।