Bihar Election 2025: चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर एक नए विवाद में घिर गए हैं।
चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजकर तीन दिनों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है।
वजह यह है कि उनका नाम बिहार और पश्चिम बंगाल, दोनों राज्यों की मतदाता सूची में दर्ज पाया गया है।
बिहार में वे ‘जन सुराज पार्टी’ के प्रमुख के रूप में सक्रिय हैं और आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को उतारने की तैयारी कर रहे हैं।
बिहार के करगहर और बंगाल के भवानीपुर से जुड़े रिकॉर्ड
Bihar Election 2025: निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक, प्रशांत किशोर का नाम बिहार के रोहतास जिले के करगहर विधानसभा क्षेत्र में दर्ज है। उनका मतदान केंद्र “मध्य विद्यालय, कोनार” बताया गया है।
वहीं, कोलकाता के निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में भी किशोर का नाम मौजूद है।
वह 121, कालीघाट रोड, भवानीपुर पते पर पंजीकृत है। यह वही पता है जहां तृणमूल कांग्रेस का मुख्यालय स्थित है।
गौरतलब है कि भवानीपुर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का निर्वाचन क्षेत्र है।
तीन दिन में देना होगा जवाब
Bihar Election 2025: सासाराम के चुनाव रजिस्ट्रेशन अधिकारी (ERO) ने किशोर को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि वे तीन दिनों के भीतर यह स्पष्ट करें कि उनका नाम दो अलग-अलग राज्यों की मतदाता सूची में कैसे शामिल हुआ।
आयोग ने उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करने और आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत करने को कहा है।
कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन माना जा सकता है मामला
Bihar Election 2025: चुनाव अधिकारी ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 और 18 का उल्लेख करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति को एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत रहने की अनुमति नहीं है।
धारा 17 के तहत, एक व्यक्ति केवल एक ही निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता हो सकता है, जबकि धारा 18 एक ही क्षेत्र में दोहरी प्रविष्टियों पर रोक लगाती है।
यदि व्यक्ति अपना निवास बदलता है, तो उसे “फॉर्म-8” भरकर नया पंजीकरण करवाना आवश्यक होता है।
देशभर में दोहरी मतदाता प्रविष्टियों की जांच जारी
Bihar Election 2025: निर्वाचन आयोग के अनुसार, देश में दोहरे मतदाता नामांकन के कई मामले सामने आ चुके हैं।
इसी कारण पूरे देश में मतदाता सूचियों के “विशेष गहन पुनरीक्षण” (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया चलाई जा रही है।
इसका उद्देश्य है कि यह सुनिश्चित करना कि कोई भी व्यक्ति एक से अधिक स्थानों पर मतदाता के रूप में पंजीकृत न हो।
पश्चिम बंगाल से पुराना रिश्ता
Bihar Election 2025: यह भी उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के दौरान प्रशांत किशोर ने तृणमूल कांग्रेस के लिए राजनीतिक सलाहकार के रूप में काम किया था।
उसी दौरान उनका बंगाल की मतदाता सूची में नाम जुड़ गया था, जो अब तक हटाया नहीं गया है।
अब आयोग यह स्पष्ट करना चाहता है कि क्या किशोर ने उस प्रविष्टि को हटाने के लिए कोई औपचारिक कदम उठाया था या नहीं।
प्रशांत किशोर के लिए यह मामला केवल एक प्रशासनिक गलती नहीं, बल्कि कानूनी पेचीदगी का रूप ले सकता है यदि समय पर स्पष्टिकरण नहीं दिया गया।
अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि वे इस नोटिस का क्या जवाब देते हैं।

