बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल गरम है और सुरक्षा एजेंसियां पूरी सख्ती के दावे कर रही हैं, लेकिन सीवान से आई खबर ने उन दावों की पोल खोल दी है।
दरअसल, सीवान जिले के दरौदा थाना क्षेत्र के सिरसाव नवका टोला गांव में ड्यूटी पर तैनात सहायक अवर निरीक्षक (ASI) अनिरुद्ध कुमार की बेरहमी से हत्या कर दी गई।
शव खेत में खून से लथपथ अवस्था में मिला, और गले पर धारदार हथियार से गहरे घाव के निशान पाए गए हैं।
यह घटना बिहार में पहले चरण की वोटिंग से महज कुछ दिन पहले हुई है, जिससे पूरे पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
बिहार: खेत में पड़ा मिला शव
जानकारी के अनुसार, एएसआई अनिरुद्ध कुमार दरौदा थाने में पदस्थ थे। बुधवार रात उनकी ड्यूटी गश्ती के लिए लगी थी। देर रात के बाद जब वे वापस नहीं लौटे, तो सुबह ग्रामीणों ने खेत में उनका शव देखा और पुलिस को सूचना दी।
मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सीवान के एसपी मनोज तिवारी ने बताया कि हत्या बेहद योजनाबद्ध लगती है।
उन्होंने कहा कि जांच के लिए एक विशेष टीम गठित कर दी गई है और आसपास के इलाकों में पूछताछ चल रही है।
विपक्ष ने नीतिश पर साधा निशाना
इस वारदात ने न सिर्फ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि राज्य की कानून-व्यवस्था पर भी बड़ा धब्बा लगा दिया है।
चुनावी मौसम में अपराधियों का इस तरह पुलिस अधिकारी को निशाना बनाना यह दर्शाता है कि अपराधी अब सीधे तौर पर सिस्टम को चुनौती देने से नहीं डर रहे।
इस घटना को लेकर विपक्ष ने नीतीश कुमार की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि बिहार फिर “जंगलराज” की ओर बढ़ रहा है।
हम सीवान को फिर से जंगलराज नहीं बनने देंगे- योगी
दिलचस्प बात यह है कि इस घटना से ठीक एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीवान के रघुनाथपुर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया था।
अपने भाषण में योगी ने कहा था कि “हम सीवान को फिर से जंगलराज नहीं बनने देंगे। अपराधियों को कानून का डर दिखाना जरूरी है,”
लेकिन उनके बयान के अगले ही दिन सीवान में एएसआई की हत्या ने पूरे राज्य को झकझोर दिया।
अब विपक्ष इस घटना को योगी के बयान से जोड़कर सत्ताधारी गठबंधन को कटघरे में खड़ा कर रहा है।
स्थानीय लोगों में इस हत्या के बाद दहशत फैल गई है। गांववालों का कहना है कि देर रात एएसआई अनिरुद्ध गश्त पर निकले थे और कुछ संदिग्ध लोगों को रोकने की कोशिश में वे फंस गए होंगे।
कुछ ग्रामीणों ने बताया कि हाल के दिनों में इलाके में अपराधियों की गतिविधियाँ बढ़ी हैं, लेकिन पुलिस ने गंभीरता से कार्रवाई नहीं की।
अपराधियों को छोड़ा नहीं जाएगा
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस मामले में कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है और पूछताछ जारी है।
एसपी मनोज तिवारी ने कहा है कि अपराधियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा और जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा।
बिहार में 6 नवंबर को पहले चरण की वोटिंग होनी है और उससे पहले इस हत्या ने प्रशासनिक तैयारियों की हकीकत सामने ला दी है।
सीवान, जो पहले से ही राजनीतिक हिंसा और आपराधिक घटनाओं के लिए कुख्यात रहा है, अब फिर सुर्खियों में आ गया है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह घटना न केवल चुनावी मुद्दा बनेगी, बल्कि नीतीश सरकार के लिए बड़ी चुनौती भी साबित हो सकती है।
वहीं जनता अब यह सवाल पूछ रही है कि जब वर्दी में तैनात पुलिसकर्मी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा कौन सुनिश्चित करेगा?

