Wednesday, December 24, 2025

बिहार चुनाव 2025: बीजेपी ने चार नेताओं को पार्टी से निकाला, जानें वजह

बिहार चुनाव 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले भारतीय जनता पार्टी ने संगठन विरोधी गतिविधियों पर सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा निर्णय लिया है।

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पार्टी ने उन चार नेताओं को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है, जिन्होंने टिकट न मिलने के बाद एनडीए के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया था।

बीजेपी ने साफ कर दिया है कि चुनावी दौर में संगठन की एकजुटता से बड़ा कुछ भी नहीं और जो भी व्यक्ति संगठन की मर्यादा के खिलाफ जाएगा, उसके लिए पार्टी में कोई जगह नहीं बचेगी।

बिहार चुनाव 2025: पार्टी की नीतियों के खिलाफ किया काम

बिहार बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय प्रभारी अरविंद शर्मा ने आधिकारिक पत्र जारी कर इस कार्रवाई की जानकारी दी।

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि संबंधित नेताओं ने पार्टी की नीतियों और अनुशासन के विपरीत जाकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया, जिससे संगठन की छवि को गहरा नुकसान पहुंचा है।

पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि ऐसी अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और पार्टी के खिलाफ कार्य करने वाले व्यक्तियों से सख्ती से निपटा जाएगा।

जिन नेताओं पर कार्रवाई की गई है, उनमें कहलगांव से पवन यादव, बहादुरगंज से वरुण सिंह, गोपालगंज से अनूप कुमार श्रीवास्तव और बड़हरा सीट से सूर्य भान सिंह शामिल हैं।

ये सभी नेता टिकट न मिलने से नाराज़ थे और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतर गए थे, जिसे पार्टी ने सीधी बगावत माना।

पार्टी की प्रतिष्ठा बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता

अरविंद शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक विचारधारा आधारित और अनुशासित संगठन है, जहां व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से ऊपर संगठन का हित खड़ा होता है।

उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की प्रतिष्ठा और जनता के विश्वास को बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है और अगर कोई नेता या कार्यकर्ता संगठन से ऊपर खुद को समझेगा, तो वह बीजेपी की संस्कृति में फिट नहीं बैठ सकता।

चुनाव के ऐतिहासिक माहौल में जनता की नज़र पूरे राजनीतिक परिदृश्य पर टिकी हुई है और ऐसे वक्त में बगावत जैसे कदम पार्टी की एकजुटता को कमजोर करते हैं।

इसी कारण पार्टी नेतृत्व ने यह कठोर कदम उठाया है, ताकि बाकी कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए भी एक कड़ा संदेश जाए कि अनुशासनहीनता को किसी भी स्थिति में संरक्षण नहीं मिलेगा।

टिकट वितरण को लेकर असंतोष

बिहार की राजनीति में इस समय टिकट वितरण को लेकर सभी दलों में असंतोष देखने को मिल रहा है और कई नेता विभिन्न सीटों पर बागी तेवर अपना रहे हैं।

बीजेपी की यह कार्रवाई ऐसे समय में आई है जब चुनावी दांव-पेंच अपने चरम पर हैं और प्रत्येक दल अपनी साख और मजबूत उपस्थिति बनाए रखने में जुटा हुआ है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी का यह कदम केवल चार नेताओं की अनुशासनहीनता का जवाब नहीं,

बल्कि एक रणनीतिक संदेश है, जिससे यह स्पष्ट हो जाए कि चुनाव के इस महत्वपूर्ण दौर में पार्टी का चेहरा केवल एनडीए के आधिकारिक उम्मीदवार ही होंगे, न कि वे नेता जो व्यक्तिगत स्वार्थ में निर्णय लें।

इस फैसले के साथ बीजेपी ने यह भी तय कर दिया है कि 2025 की इस चुनावी लड़ाई में वह किसी भी प्रकार की गुटबाजी या भ्रम की स्थिति को जन्म लेने नहीं देगी और पार्टी की मजबूती और नियंत्रण को प्राथमिकता देगी।

Madhuri
Madhurihttps://reportbharathindi.com/
पत्रकारिता में 6 वर्षों का अनुभव है। पिछले 3 वर्षों से Report Bharat से जुड़ी हुई हैं। इससे पहले Raftaar Media में कंटेंट राइटर और वॉइस ओवर आर्टिस्ट के रूप में कार्य किया। Daily Hunt के साथ रिपोर्टर रहीं और ETV Bharat में एक वर्ष तक कंटेंट एडिटर के तौर पर काम किया। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और एंटरटेनमेंट न्यूज पर मजबूत पकड़ है।
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