BHARAT GUPT: दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर, रत्ना सदन्य, संगीत नाटक अकादमी के कार्यकारी ट्रस्टी और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के उपाध्यक्ष पद्म श्री सम्मानित प्रो. भारत गुप्त कला, संगीत और रंगमंच के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध क्लासिकिस्ट, थिएटर सिद्धांतकार, संगीतज्ञ और सांस्कृतिक विश्लेषक हैं।
उनके लेखन और शोध ने प्राचीन ग्रीक और भारतीय रंगमंच के तुलनात्मक अध्ययन में नई दिशा दी है।
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BHARAT GUPT: प्राचीन ग्रीक और भारतीय रंगमंच के तुलनात्मक अध्ययन में विशेषज्ञता
BHARAT GUPT: प्रो. गुप्त ने प्राचीन ग्रीक नाटक को ‘पश्चिमी रंगमंच’ के रूप में देखने की परंपरागत धारणा को बदल दिया है। उन्होंने दिखाया है कि प्राचीन ग्रीक रंगमंच तकनीकी और कलात्मक रूप से भारतीय रंगमंच के बेहद निकट है। उनकी यह खोज विश्व के सभी प्रमुख पुस्तकालयों में उपलब्ध उनकी पुस्तक के माध्यम से शिक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है।
BHARAT GUPT: प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
28 नवंबर 1946 को जन्मे प्रो. गुप्त ने भारत और उत्तरी अमेरिका के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों से औपचारिक शिक्षा प्राप्त की है। साथ ही, उन्होंने पारंपरिक गुरुओं से शास्त्रीय ग्रंथों का अध्ययन भी किया है, जो उन्हें पश्चिमी और भारतीय दोनों शास्त्रीय पद्धतियों में दक्ष बनाता है।
संगीत और शास्त्रीय पृष्ठभूमि
BHARAT GUPT: प्रो. गुप्त न केवल एक सिद्धांतकार हैं, बल्कि एक कुशल सितार और सुरबहार वादक भी हैं। पंडित उमा शंकर मिश्र, स्वामी कृपालवानंद, आचार्य बृहस्पति और प्रो. सत्य भूषण योगी जैसे गुरुओं से संगीत की शिक्षा लेकर उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत की गहराई में महारत हासिल की है।
व्याख्यान और अंतरराष्ट्रीय शोध
पचास वर्षों से अधिक समय से प्रो. गुप्त ने भारत, उत्तरी अमेरिका, यूरोप और ग्रीस के विश्वविद्यालयों में भारतीय संगीत, रंगमंच, संस्कृति और धर्म के विषय पर व्याख्यान दिए हैं। उन्हें प्राचीन ग्रीक रंगमंच पर शोध के लिए प्रसिद्ध ओनासिस फेलोशिप से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा, वे अंतरराष्ट्रीय ओनासिस पुरस्कार की जूरी के सदस्य भी रह चुके हैं।
BHARAT GUPT: इंडोलॉजी और धर्म संवाद में योगदान
प्रो. गुप्त ने इंडोलॉजी और धर्म संवाद के क्षेत्र में व्यापक कार्य किया है। वे भारत और उत्तरी अमेरिका में हिंदू विरोधी इंडोलॉजिस्टों के विचारों का मुकाबला करने के लिए सक्रिय रहे हैं। उनके कई लेख और व्याख्यान इस दिशा में प्रेरक साबित हुए हैं।
अंतर-धार्मिक संवादों में भागीदारी
BHARAT GUPT उन्होंने ग्रीस, यूरोप और अमेरिका में आयोजित कई अंतर-धार्मिक संवादों में हिस्सा लिया है। इनमें सबसे उल्लेखनीय था हिंदू-यहूदी संवाद, जिसमें उन्होंने स्वामी दयानंद सरस्वती के साथ हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व किया।
शास्त्रीय ग्रंथों का विश्लेषण और अनुवाद
प्रो. गुप्त पारंपरिक शैली में संस्कृत ग्रंथों का विश्लेषण करते हैं। वे मूल संस्कृत पाठ पढ़ते हैं और फिर उसे हिंदी एवं अंग्रेजी में अनुवाद करते हुए प्राचीन व्याख्यान शैली में विस्तार से समझाते हैं। यह उनकी विशेष विशेषज्ञता है।
BHARAT GUPT: युवा विद्वानों और जनमानस के प्रति योगदान
उन्होंने अनेक युवा विद्वानों, सार्वजनिक वक्ताओं और सोशल मीडिया पर सक्रिय यूट्यूबर्स को सलाह देकर भारतीय ज्ञान परंपराओं को आधुनिक संदर्भ में समझने और फैलाने का काम किया है।
प्रमुख प्रकाशित पुस्तकें
- नाटकीय अवधारणाएँ: ग्रीक और भारतीय (1994, 1996, 2006, 2012, 2016)
- नाट्यशास्त्र, अध्याय 28: भारतीय संगीत के प्राचीन पैमाने (1996)
- बारह ग्रीक कविताओं का हिंदी अनुवाद (2001)
- भारत: एक सांस्कृतिक पतन या पुनरुद्धार? (2008)
भाषाई दक्षता और अंतरराष्ट्रीय मान्यता
BHARAT GUPT प्रो. गुप्त हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत और ग्रीक भाषाओं के निपुण प्रयोगकर्ता हैं। वे हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध वक्ता भी हैं।