Begam Batool: श्रीमती बेगम बतूल, राजस्थान की प्रसिद्ध भजन और लोकगायिका हैं, जो मांड गायकी की पारंपरिक शैली में महारत रखती हैं। उनके गायन की खासियत यह है कि वे मंच पर स्वयं तबला बजाते हुए गाती हैं।
वे हारमोनियम, तबला, ढोलक, ढोल, डफ जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ-साथ डजेम्बे और दरबूका जैसे अंतरराष्ट्रीय वाद्ययंत्र भी बजा सकती हैं।
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सामाजिक बाधाओं के बावजूद संगीत का साथ नहीं छोड़ा
Begam Batool: 20 सितंबर 1956 को राजस्थान के छोटे से गांव केराप में जन्मीं बेगम बतूल का संबंध मीरासी समुदाय से है, जहां आज भी महिलाओं का गायन केवल घर की चारदीवारी तक सीमित रहता है।
बाल विवाह और सामाजिक प्रतिबंधों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। उनके पति और बेटों ने हमेशा उनका साथ दिया, जिससे वे पिछले 50 वर्षों से संगीत की साधना कर रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की लोकसंस्कृति का प्रतिनिधित्व
Begam Batool: वर्ष 2016 में फ्रांस से पहला अंतरराष्ट्रीय निमंत्रण मिलने के बाद, बेगम बतूल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज वे भारत, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, ट्यूनीशिया, इटली, बेल्जियम, स्विट्ज़रलैंड, स्पेन, हॉलैंड, जर्मनी और मोनाको जैसे चार महाद्वीपों में अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं।
वे पेरिस के टाउन हॉल में प्रस्तुति देने वाली पहली राजस्थानी गायिका हैं और उन्होंने कान फिल्म फेस्टिवल, पेरिस ओलंपिक 2024, सेंट लुइस कैथेड्रल (ट्यूनीशिया), ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया संसद, और स्पेन की मिना अग्रूपा विकेंटा जैसी प्रतिष्ठित जगहों पर भी कार्यक्रम किए हैं।
‘बॉलीवुड-क्लेजमर’ बैंड की अहम सदस्य
Begam Batool: बेगम बतूल “बॉलीवुड-क्लेजमर” नामक विश्वस्तरीय फ्यूजन म्यूज़िक बैंड की सदस्य हैं, जिसमें हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और यहूदी धर्मों के कलाकार मिलकर संगीत प्रस्तुत करते हैं।
यह बैंड विश्व का अनोखा उदाहरण है, जहां धर्मों के पारंपरिक संगीत का समावेश किया जाता है। हाल ही में उन्होंने राम भजन रिकॉर्ड किया है प्रसिद्ध फ्रांसीसी संगीत निर्देशक पॉल अर्मां-देईल और एलेक्ज़ांद्र ग्रिंस्पैन के साथ।
फ्रांस की होली पर भी छाई रहती हैं
Begam Batool: 2017 से वे पेरिस के सबसे बड़े होली महोत्सव में नियमित रूप से प्रस्तुति दे रही हैं, जिसमें हर साल 30,000 से अधिक लोग भाग लेते हैं। उनके जीवन से प्रभावित होकर फ्रांसीसी फिल्म निर्देशक ऑड्रे गॉर्डन उनके संगीत जीवन पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म बना रही हैं।
महिला सशक्तिकरण की प्रतीक
Begam Batool: बेगम बतूल अब अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं। उनके प्रयासों से आज मीरासी समुदाय की लड़कियाँ भी संगीत सीख रही हैं और मंचों पर प्रस्तुति दे रही हैं।
वे आने वाली पीढ़ी को पारंपरिक संगीत की शिक्षा भी देती हैं, जिनमें से कई छात्र दुनिया भर में भारतीय संगीत का प्रचार कर रहे हैं।
पुरस्कारों और सम्मानों की लंबी फेहरिस्त
Begam Batool: बेगम बतूल को उनके अद्वितीय योगदान के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं:
- नारी शक्ति पुरस्कार (2022) – राष्ट्रपति द्वारा
- भारत गौरव पुरस्कार (2024) – फ्रांस की सीनेट में
- सम्मान पत्र (2024) – ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया संसद से
- राजस्थान गौरव पुरस्कार (2023) – राज्यपाल द्वारा
- अचीवर्स अवॉर्ड (2021) – फ्रांस की GOPIO संस्था से
- सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस (2020) – दक्षिण अफ्रीका की GOPIO संस्था से
- राजभाषा सम्मान (2022) – बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा