आज कल साइबर ठग नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने में जुटे है। हालही में हमारी एक टीम मेंबर भी ऐसे ही एक फ्रॉड का शिकार होते होते बची है। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे ही साइबर फ्रॉड के बारे में बताएँगे। ताकि आप सावधान रह सके।
a) जॉब स्कैम – इस साल देश में यह साइबर स्कैम सबसे ज़्यादा देखने को मिला जहाँ स्कैमर्स फ़र्ज़ी नौकरियों की भर्ती के msg भेजते है,जिसके बाद लोग लिंक्स पे क्लिक कर के एप्लीकेशन भर देते है। एप्लीकेशन भरते ही ठग फीस के तोर पर उनसे पैसे ऐंठ लेते है।
b) फिशिंग स्कैम – इसमें ठग नामचीन कंपनियों और सरकारी विभागों के नाम का इस्तेमाल कर लोगों को KYC renew करने के लिए कहते है और फ़र्ज़ी लिंक भेजते है। इस लिंक पर क्लिक करते ही आप का बैंक अकाउंट खाली।
c) इमोशनल मनुपुलेशन स्कैम– इस स्कैम में स्कैमर, डेटिंग ऐप या सोशल मीडिया पर फेक प्रोफाइल बना कर, आपसे इमोशनल कनेक्शन बनाते है और उसके बाद आपको इमरजेंसी की बात कह कर आपसे पैसे ऐंठ लेता है।
d) टेक सपोर्ट स्कैमः इसमें स्कैमर टेक्निकल सपोर्ट देने वाली फर्जी वेबसाइट के जरिए ठगी करते हैं। इन वेबसाइट पर क्लिक करने के बाद स्कैमर कॉल कर आपको झांसा देते हैं कि आपके सिस्टम में वायरस है। फिर वो लिंक पर क्लिक करवाकर, सिस्टम तक पहुंच प्राप्त करके और जानकारी एकत्र करके धोखा देते हैं।
e) फेक चैरिटी अपील स्कैमः स्कैमर प्राकृतिक आपदा के नाम पर ठगी करते हैं। इसमें लोगों को मदद के लिए दान देने की अपील की जाती है। जिसके बाद स्कैमर लोगों की सहानुभूति का फायदा उठाकर क्राउड फंडिंग कर पैसे ठग लेते हैं। इसमें गरीब के इलाज में मदद के नाम पर भी ठगी की जाती है।
f) डिजिटल अरेस्टः स्कैमर पुलिस या कस्टम अधिकारी बनकर फोन करते हैं। वे लोगों को मनी लॉन्ड्रिंग या ड्रग्स कंसाइनमेंट जैसे आरोप में शामिल होने का दावा करते हैं। जिसके बाद लोग डरकर स्कैमर को पैसे भेज देते हैं।
g) इन्वेस्टमेंट स्कैमः इसमें स्कैमर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर फ़र्ज़ी स्कीम में इन्वेस्ट करने पर बड़े रिटर्न देने का झांसा देते हैं। झांसे में आकर लोग इन्वेस्टमेंट कर देते हैं। कुछ समय तक ब्याज मिलता है, उसके बाद कंपनी बंद कर ठग संपर्क खत्म कर देते हैं।
h)गलती से पैसे भेजने का स्कैमः ऐसे मामलों में स्कैमर लोगों के पास रुपए प्राप्त होने का फर्जी मैसेज भेजते हैं। फिर कुछ देर बाद आपात स्थिति का हवाला देते हुए उस पैसे को मांगते हैं। छानबीन किए बिना पैसे भेजने के चलते लोग ठ्यी का शिकार हो जाते हैं ।
i) पार्सल स्कैमः साइबर स्कैमर लोगों को कॉल कर झांसा देते हैं कि ड्रग्स पाए जाने से उनका पार्सल जांच एजेंसी ने जब्त कर लिया है। इस मामले में उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा। लोग डरकर स्कैमर को पैसे भेज देते हैं।
j) लोन व कार्ड स्कैमः स्कैमर वेबसाइट और सोशल मीडिया पर कम दस्तावेजों में पर्सनल लोन व क्रेडिट कार्ड बनाने का दावा करते हैं। संपर्क करने पर स्कैमर काम करवाने के लिए फीस देने को कहते हैं। जैसे ही रकम जमा होती है स्कैमर संपर्क खत्म कर देते हैं।
k)पार्सल स्कैमः स्कैमर लोगों को कॉल कर झांसा देते हैं कि ड्रग्स पाए जाने से उनका पार्सल जांच एजेंसी ने जब्त कर लिया है। इस मामले में उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा। लोग डरकर स्कैमर को पैसे भेज देते हैं।
l).लोन व कार्ड स्कैमः स्कैमर वेबसाइट और सोशल मीडिया पर कम दस्तावेजों में पर्सनल लोन व क्रेडिट कार्ड बनाने का दावा करते हैं। संपर्क करने पर स्कैमर काम करवाने के लिए फीस देने को कहते हैं। जैसे ही रकम जमा होती है स्कैमर संपर्क खत्म कर देते हैं।
M).सोशल मीडिया बदनामीः स्कैमर किसी लड़की की मदद से लोगों को शिकार बनाते हैं। इसमें लोगों की आपत्तिजनक वीडियो कॉल की रिकार्डिंग कर ली ज है। बाद में बदनामी की धमका देकर रिकार्डिंग के सहारे स्कैमर उन्हें निशाना बनाकर ठगी करते हैं।
n) कैश ऑन डिलिवरी स्कैमः स्कैमर असली शापिंग एप जैसी मिलती-जुलती फर्जी वेबसाइट बनाते हैं। यहां से खरीदारी करने पर लोगों के पास फर्जी या गलत प्रोडक्ट पहुंचता है। जैसे मोबाइल खरीदने पर पत्थर।
O) फोन स्कैमः यह स्कैम अक्सर सब्सिडी जैसे मामलों में शामिल होता है। स्कैमर केवाईसी के नाम पर सरकारी अधिकारी बनकर कॉल करते हैं और दस्तावेज जमा करने को कहते हैं। जानकारी हासिल करते ही स्कैमर अपने शिकार का बैंक खाता खाली कर देते हैं।. सोशल मीडिया बदनामीः स्कैमर किसी लड़की की मदद से लोगों को शिकार बनाते हैं। इसमें लोगों की आपत्तिजनक वीडियो कॉल की रिकार्डिंग कर ली ज है। बाद में बदनामी की धमका देकर रिकार्डिंग के सहारे स्कैमर उन्हें निशाना बनाकर ठगी करते हैं।