बरेली दंगे: बरेली में हाल ही में भड़की हिंसा को लेकर चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR में कहा गया है कि यह घटना किसी सामान्य विवाद की वजह से नहीं, बल्कि पहले से रची गई एक साज़िश का नतीजा थी।
गिरफ्तार आरोपी नदीम और उसके साथियों पर आरोप है कि उन्होंने उन्मादी भीड़ को धार्मिक आधार पर भड़काया और शहर का माहौल बिगाड़ने की योजना बनाई।
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“पुलिस की हत्या करो, ताकत दिखाओ”, FIR का दावा
बरेली दंगे: FIR में दर्ज बयानों के अनुसार, मौलाना तौकीर रजा के नाम का हवाला देते हुए भीड़ को उकसाया गया। भीड़ में यह संदेश फैलाया गया कि “आज मकसद पूरा करना है, चाहे पुलिसवालों की हत्या ही क्यों न करनी पड़े, मुसलमानों की ताकत दिखानी है।”
इसके बाद हजारों लोग सड़क पर उतरे और पुलिस पर हमला बोल दिया।
अवैध हथियारों से हमला और लूटपाट
बरेली दंगे: पुलिस का कहना है कि दंगाइयों के पास धारदार हथियार, लाठी-डंडे और अवैध बंदूकें थीं। भीड़ ने पुलिस पर गोलियां चलाईं और एंटी-राइट गन व वायरलेस सेट तक लूट लिए।
कई मकानों की छतों से पथराव भी किया गया। हालात काबू से बाहर होते देख पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन दंगाइयों ने हिंसा को और बढ़ा दिया।
स्थानीय लोग सहमे, दुकानों-वाहनों को नुकसान
बरेली दंगे: इस हिंसा से आम लोग डरे-सहमे अपने घरों में कैद हो गए। कई दुकानों और गाड़ियों को भारी नुकसान पहुंचा।
प्रशासन ने हालात को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है और सभी संवेदनशील इलाकों में सख्त निगरानी रखी जा रही है।
जांच जारी, आरोपियों की धरपकड़
बरेली दंगे: पुलिस ने अब तक कई लोगों को हिरासत में लिया है और आरोपियों की तलाश तेज कर दी है।
अधिकारियों का कहना है कि यह घटना एक सोची-समझी और संगठित योजना के तहत अंजाम दी गई थी। फिलहाल मामले की गहन जांच की जा रही है।