Bangladeshi Girl Death In Firing:13 साल की एक हिन्दू बच्ची बांग्लादेश से त्रिपुरा में अंतरराष्ट्रीय सीमा से भारत में अवैध तरीके से घुसने की कोशिश कर कर रही थी। BSF की फायरिंग के दौरान उसे गोली लग गयी और उसकी मौत हो गयी।
बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद से तख्तापलट हो गया। इसके बाद से वहां लगातार हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। अब उनको अपने बचाव के लिए भारत से अच्छा कोई और देश नहीं दिख रहा है। इसलिए अब वो यहां भारत में शरण लेने की फिराक में है। इस से पहले कई बार बॉर्डर की तस्वीरें सामने आ चुकी हैं जहां बांग्लादेशी बॉर्डर क्रॉस कर भारत में घुसने की फ़िराक में थे। अब त्रिपुरा में अंतर्राष्टीय सीमा पर एक 13 साल की बांग्लादेशी हिन्दू बच्ची की कथित तौर पर मौत हो गयी। वो भारत में अवैध रूप से घुसने की कोशिश कर रही थी। BSF ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन वो फायरिंग में मारी गयी।
BSF ने बच्ची का शव सौंपा
Bangladeshi Girl Death In Firing: ढाका ट्रिब्यून की दी गयी जानकारी के मुतबिक BSF ने घटना के 45 घंटे बाद मंगलवार की रात 13 साल की बच्ची का शव बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को सौंप दिया। बच्ची की पहचान 13 साल की स्वर्णा दस के रूप में हुई है। BSF की कथित फायरिंग में वो मारी गयी।
कुलौरा पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी बिनय षण रॉय ने शव सौंपे जाने की जानकारी की पुष्टि करते हुए बताया की आवश्यक कानूनी प्रक्रियाएं करने के बाद बच्ची का शव बांग्लादेश भेज दिया गया है।
मां-बेटी भारत में घुसना चाहते थे
स्थिति से निपटने के लिए बीजीबी और बीएसएफ के बीच फ्लैग मीटिंग बुलाई हुई। बच्ची की पहचान 13 वर्षीय स्वर्णा दास के रूप में की गयी है। बच्ची पश्चिम जूरी संघ के जूरी उपजिला के अंतर्गत कलनीगर गांव निवासी पोरेंद्र दास की बेटी थी। पोरेंद्र ने जानकारी दी कि उसकी पत्नी और स्वर्णा उनके सबसे बड़े बेटे जो त्रिपुरा में रहते हैं उनसे मिलने के लिए त्रिपुरा जा रही थी। उन्हें वहां 2 दलालों से मदद मिली। रविवार रात 9 बजे जब दोनों मां-बेटी भारतीय बॉर्डर पर पहुंचे तो बीएसएफ ने फायरिंग शुरू कर दी, जिससे स्वर्णा की मौके पर मौत हो गयी। स्वर्णा की मां को गोली नहीं लहि। इस हादसे आक्रोश फैल गया है और बॉर्डर एरिया में सख्ती बढ़ा दी गयी है।