Wednesday, October 29, 2025

बांग्लादेश में कट्टरता को मिला नया ठिकाना: जाकिर नाइक को यूनुस सरकार का रेड कार्पेट वेलकम, ढाका हमले से जुड़ा रहा है नाम

बांग्लादेश में कट्टरता को मिला नया ठिकाना: ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत के मोस्ट वॉन्टेड भगोड़े और इस्लामी कट्टरपंथी प्रचारक जाकिर नाइक को बांग्लादेश में खुलेआम घूमने और भाषण देने की अनुमति दे दी गई है।

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नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अब ऐसे फैसले ले रही है जो पड़ोसी देशों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन सकते हैं।

28 नवंबर से 20 दिसंबर 2025 तक उसे देशभर में “धार्मिक कार्यक्रमों” के नाम पर मंच दिए जाएंगे। अब बांग्लादेश में कट्टरता फैलाने के लिए सरकार ने खुद मंच तैयार कर दिया है।

Zakir Naik Banglesdh 2025 Tour Poster
बांग्लादेश में कट्टरता को मिला नया ठिकाना: जाकिर नाइक को यूनुस सरकार का रेड कार्पेट वेलकम, ढाका हमले से जुड़ा रहा है नाम 2

ढाका आतंकी हमले से जुड़ा था नाइक का नाम

बांग्लादेश में कट्टरता को मिला नया ठिकाना: यह वही जाकिर नाइक है जिसका नाम 2016 के ढाका होली आर्टिजन बेकरी आतंकी हमले के बाद सामने आया था।

उस हमले में 22 लोगों की जान गई थी और जांच के दौरान एक आतंकी ने बताया था कि वह नाइक के भाषणों से प्रेरित होकर जिहाद के रास्ते पर चला था।

यही वह मोड़ था जब भारत की एजेंसियों ने उसके खिलाफ जांच शुरू की। बाद में NIA ने उसके खिलाफ UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) के तहत मामला दर्ज किया।

नाइक पर धार्मिक नफरत फैलाने, युवाओं को आतंक की राह पर भड़काने और सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के आरोप हैं।

भारत से भागकर मलेशिया में लिया शरण

बांग्लादेश में कट्टरता को मिला नया ठिकाना: जब भारत में उसके खिलाफ कानूनी शिकंजा कसने लगा तो नाइक देश छोड़कर मलेशिया भाग गया।

वहां उसने ‘इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन’ के बैनर तले अपनी प्रचार गतिविधियाँ जारी रखीं।

भारत ने कई बार मलेशिया सरकार से उसके प्रत्यर्पण की मांग की, लेकिन हर बार वहां की सरकार ने धार्मिक कारणों का हवाला देकर उसे शरण दी।

अब नाइक का अगला ठिकाना बांग्लादेश बनने जा रहा है। एक ऐसा देश जो हाल के वर्षों में धार्मिक कट्टरता की दिशा में तेजी से बढ़ता दिखाई दे रहा है।

पाकिस्तान में भी मिला था वीआईपी स्वागत

बांग्लादेश में कट्टरता को मिला नया ठिकाना: यह पहला मौका नहीं है जब किसी इस्लामी देश ने नाइक को “मौलवी-स्टार” की तरह मंच दिया हो।

पिछले साल पाकिस्तान ने भी उसका रेड कार्पेट वेलकम किया था।

वहां उसने लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन के नेताओं से मुलाकात की थी।

लाहौर की बादशाही मस्जिद में उसकी तस्वीरें वायरल हुई थीं, जिसमें वह लश्कर के कमांडर मुजम्मिल इकबाल हाशमी के साथ गले मिलता दिखा था।

यूनुस सरकार की चुप्पी पर उठे सवाल

बांग्लादेश में कट्टरता को मिला नया ठिकाना: बांग्लादेश सरकार की ओर से इस विवाद पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन नाइक के प्रचार पोस्टर और कार्यक्रमों की ऑनलाइन सूची यह साबित कर रही है कि उसे सरकारी स्तर पर अनुमति दी गई है।

आलोचकों का कहना है कि मुहम्मद यूनुस की सरकार, जो खुद को “शांतिप्रिय और प्रगतिशील” बताती है, अब कट्टरपंथियों को राजनीतिक समर्थन देने की राह पर बढ़ रही है।

यदि यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा, तो बांग्लादेश दक्षिण एशिया का नया कट्टरता केंद्र बन सकता है।

जाकिर नाइक जैसे प्रचारकों को मंच देना केवल बांग्लादेश की सामाजिक संरचना के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए भी खतरा है।

भारत पहले ही कई बार चेतावनी दे चुका है कि नाइक जैसे लोग आतंक के वैचारिक ठेकेदार हैं, जो युवाओं के दिमाग में नफरत का बीज बोते हैं।

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