Wednesday, December 24, 2025

बांग्लादेश में हिंदुओं पर उग्र भीड़ का कहर: कलाई में कलावा बना ‘गुनाह’, गरीब रिक्शाचालक को बेरहमी से पीटा

बांग्लादेश में हिंदुओं पर उग्र भीड़ का कहर: बांग्लादेश में कट्टरपंथी हिंसा एक बार फिर बेकाबू होती दिख रही है।

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देश में चल रहे उग्र प्रदर्शनों के बीच हिंदू अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।

हाल ही में दीपू दास की निर्मम हत्या के बाद अब एक और हिंदू नागरिक पर हमला किया गया है।

इस बार निशाना बना एक गरीब रिक्शाचालक, जिसकी कलाई में बंधा कलावा कट्टरपंथियों की नफरत की वजह बन गया।

कलावा देखकर भड़की भीड़, पहचान बना दी ‘जुर्म’

बांग्लादेश में हिंदुओं पर उग्र भीड़ का कहर: घटना झेनाइदा जिले की बताई जा रही है, जहां गोबिंदा नाम का एक हिंदू रिक्शाचालक रोज़ की तरह मेहनत-मजदूरी कर अपनी आजीविका चला रहा था।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कुछ उग्र तत्वों की नजर उसकी कलाई पर बंधे कलावे पर पड़ी।

बस यहीं से शुरू हुई हैवानियत। बिना किसी जांच या सबूत के गोबिंदा पर आरोप लगाया गया कि वह RAW का एजेंट है।

भीड़ का कानून, इंसानियत का कत्ल

बांग्लादेश में हिंदुओं पर उग्र भीड़ का कहर: देखते ही देखते भीड़ इकट्ठा हो गई और गोबिंदा को घेर लिया गया। निहत्थे, डरे हुए इस व्यक्ति को सरेआम पीटा गया।

लात-घूंसे, डंडे और थप्पड़ों से उसकी ऐसी हालत कर दी गई कि वह अधमरा हो गया।

इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें साफ दिख रहा है कि किस तरह एक आम नागरिक को सिर्फ उसकी धार्मिक पहचान के कारण निशाना बनाया गया।

वीडियो ने खोली हकीकत, सरकार के दावों पर सवाल

बांग्लादेश में हिंदुओं पर उग्र भीड़ का कहर: इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद यूनुस सरकार के दावों की पोल खुल गई है।

सरकार लगातार यह कहती रही है कि अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं, लेकिन ज़मीनी सच्चाई कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

वीडियो में दिखता है कि गोबिंदा खून से लथपथ है और उसके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान हैं।

देर से हरकत में आई पुलिस

बांग्लादेश में हिंदुओं पर उग्र भीड़ का कहर: जब गोबिंदा को बुरी तरह पीटकर अधमरा कर दिया गया, तब कहीं जाकर पुलिस मौके पर पहुंची।

पुलिस उसे भीड़ से निकालकर ले जाती दिखाई देती है, लेकिन वीडियो में यह भी साफ है कि पुलिस की मौजूदगी में भी वह पूरी तरह सुरक्षित नहीं था।

उसके सिर और शरीर से लगातार खून बह रहा था, जिससे उसकी हालत की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

दीपू दास की हत्या से जुड़ती कड़ियाँ

यह घटना कोई अकेला मामला नहीं है। इससे पहले दीपू दास को भी इसी तरह भीड़ ने घेरकर पीटा था और बाद में उसके शव को पेड़ से बांधकर जला दिया गया था।

उस मामले में 10 लोगों की गिरफ्तारी जरूर हुई, लेकिन इससे कट्टरपंथी हिंसा पर कोई लगाम नहीं लग सकी।

यूनुस सरकार की नाकामी उजागर

बांग्लादेश में हिंदुओं पर उग्र भीड़ का कहर: यूनुस सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही कट्टरपंथी ताकतों के हौसले बुलंद हैं।

हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन सरकार या तो इन्हें नकारती रही है या फिर मामूली घटनाएं बताकर टालती रही है।

गोबिंदा पर हमला इस बात का सबूत है कि बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था कमजोर पड़ चुकी है और अल्पसंख्यक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय चिंता और भारत की नजर

बांग्लादेश में हिंदुओं पर उग्र भीड़ का कहर: इन घटनाओं ने न सिर्फ बांग्लादेश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता बढ़ा दी है।

भारत समेत कई देश बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। सवाल यह है कि क्या बांग्लादेश सरकार अब भी आंखें मूंदे रहेगी या अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएगी।

Muskaan Gupta
Muskaan Guptahttps://reportbharathindi.com/
मुस्कान डिजिटल जर्नलिस्ट / कंटेंट क्रिएटर मुस्कान एक डिजिटल जर्नलिस्ट और कंटेंट क्रिएटर हैं, जो न्यूज़ और करंट अफेयर्स की रिपोर्टिंग में सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में 2 साल का अनुभव है। इस दौरान उन्होंने राजनीति, सामाजिक मुद्दे, प्रशासन, क्राइम, धर्म, फैक्ट चेक और रिसर्च बेस्ड स्टोरीज़ पर लगातार काम किया है। मुस्कान ने जमीनी रिपोर्टिंग के साथ-साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए प्रभावशाली कंटेंट तैयार किया है। उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव और अन्य राजनीतिक घटनाक्रमों की कवरेज की है और जनता की राय को प्राथमिकता देते हुए रिपोर्टिंग की है। वर्तमान में वह डिजिटल मीडिया के लिए न्यूज़ स्टोरीज़, वीडियो स्क्रिप्ट्स और विश्लेषणात्मक कंटेंट पर काम कर रही हैं। इसके साथ ही वे इंटरव्यू, फील्ड रिपोर्टिंग और सोशल मीडिया जर्नलिज़्म में भी दक्ष हैं। मुस्कान का फोकस तथ्यात्मक, प्रभावशाली और जनहित से जुड़े मुद्दों को मजबूती से सामने लाने पर रहता है।
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