Baba Siddiqui Murder: हाल ही में बाबा सिद्दीकी के मर्डर केस में ऑसिफिकेशन टेस्ट करवाया गया है। ये टेस्ट क्या है, क्यों किया जाता है आइये इसके बारे में विस्तार से समझते हैं।
एनसीपी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या हो गयी। इनकी हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग ने ली है। इस हत्या के बाद से मुंबई पुलिस जांच में जुट गयी है। अब तक इस हत्या कांड में तीन लोगों की गिरफ्तार हो चुकी है। उनमें से एक आरोपी धर्मराज को नाबालिग बताया जा रहा था। लेकिन हाल ही मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ धर्मराज का ऑसिफिकेशन टेस्ट करवाया गया जिसमें ये स्पष्ट हो गया कि वो नाबालिग नहीं है। इस टेस्ट के बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है।
क्या है ऑसिफिकेशन टेस्ट?
Baba Siddiqui Murder: ऑसिफिकेशन टेस्ट, एक खास तरह का टेस्ट है जिसमें बोन फ्यूजन के आधार पर किसी भी व्यक्ति की सही उम्र पता लग जाती है। अगर सीधी भाषा में कहें तो इस टेस्ट में कुछ बोनस का टेस्ट किया जाता है जैसे कलाई, कॉलरबोन, पेल्विस की हड्डी, कोहनी का एक्स-रे निकाला जाता है। टेस्ट में कलाई और हाथों के एक्स-रे की तस्वीरें ली जाती, जिसके आधार पर उम्र पता लगायी जा सके। इस टेस्ट से उनकी ग्रोथ प्लेटलेट्स पता की जाती है। इस टेस्ट में हड्डियों की ग्रोथ पता लग जाती है। जैसे कुछ हड्डियों उम्र के साथ सख्त हो जाती है।
कैसे होता है ये टेस्ट
इस टेस्ट का एक अपना मेडिकल प्रोसेस है। टेस्ट में छाती, कालर बोन और पेल्विस का एक्स-रे निकाला जाता है। हड्डियों की बनावट के आधार पर व्यक्ति की सही उम्र पता लगायी जाती है। इस टेस्ट को एपिफिसियल फ्यूजन टेस्ट भी कहा जाता है। ऑसिफिकेशन हड्डियां बनने की एक खास प्रक्रिया को कहा जाता है। यह टेस्ट हड्डी और जोड़ों पर आधारित होता है। ये टेस्ट नाबालिग से जुड़े मामलों में काफी महत्वपूर्ण होता है।