अंता उपचुनाव: राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव की रणभेरी बज चुकी है। इसको लेकर सियासी गलियारों में लगातार हलचल बढ़ती जा रही है।
कांग्रेस और बीजेपी सीट निकालने के लिए अपनी राजनीतिक समीकरणें जमाने में जुट गई है।
इन उपचुनावों के लिए वोटिंग 11 नवंबर को होगी और परिणाम 14 नवंबर को घोषित किया जाएगा।
गजट नोटिफिकेशन 13 अक्टूबर को जारी किया जाएगा, जबकि प्रत्याशी 21 अक्टूबर तक नामांकन कर सकेंगे।
नामांकन की जांच 23 अक्टूबर को होगी और 27 अक्टूबर तक प्रत्याशी अपना नाम वापस ले सकेंगे।
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अंता उपचुनाव: हम अंता का चुनाव जीतेंगे- गहलोत
अंता विधानसभा सीट पर उप-चुनाव में नरेश मीणा को टिकट देने की बात के सवाल पर अशोक गहलोत ने कहा, “हम अंता का चुनाव जीतेंगे.
टिकट का फैसला भी जल्द होगा, लेकिन कौंन उम्मीदवार होगा इसका फैसला तो आलाकमान करेगा.”
उन्होंने कहा कि नरेश मीणा को गुस्से पर काबू में रखकर समझदारी से काम लेना चाहिए,
नरेश मीणा ने की टिकट की मांग
हालाकि गहलोत का यह बयान नरेश मीणा को नसीहत बन रहा है, एक और गहलोत पार्टी आंतरिक मतभेदों को सार्वजनिक टकराव में बदलने से बचाना चाहती है।
वहीं गहलोत युवाओं को पार्टी के अनुशासन में रहकर आगे बढ़ने की सलाह दे रहे है।
अंता में उपचुनाव ऐलान के बाद झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में नरेश मीणा ने मंच से कांग्रेस पार्टी से एक बार फिर टिकट की मांग की है।
इस बार उन्होंने ये डिमांड सीधे राहुल गांधी से कर डाली।
नरेश मीणा पर सबकी निगाहें
उपचुनावों की घोषणा होते ही प्रमुख पार्टियों समेत सीट हथियाने की जुगत में भिड़ी अन्य पार्टियों ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
कांग्रेस इस बार एक बार फिर प्रमोद जैन भाया को टिकट दे सकती है। भाजपा में पूर्व विधायक सहित कई बड़े नेता टिकट की दौड़ में हैं।
राजनीतिक गलियारों में अचानक उभरते नरेश मीणा पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
माना जा रहा है कि नरेश मीणा उपचुनाव को रोचक और उलटफेर भरा बना सकते हैं।
सूत्रों की माने तो नरेश मीणा, प्रमोद जैन भाया के कट्टर विरोधी हैं और यदि कांग्रेस भाया पर दांव खेलेगी तो नरेश मीणा निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं।
इस उपचुनाव ने स्थानीय राजनीति में नया मोड़ ला दिया है, जहां व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं और दलगत रणनीतियां टकरा रही हैं।