Wednesday, May 28, 2025

ANI चला रहा हफ्ता वसूली और ब्लैकमेल का धंधा, यूट्यूब क्रिएटर्स पर मार रहा अवैध कॉपीराइट स्ट्राइक

नई दिल्ली, 26 मई 2025: भारत में डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स के बीच एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक प्रमुख न्यूज़ एजेंसी, एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल (ANI), पर यूट्यूब क्रिएटर्स को कॉपीराइट स्ट्राइक के जरिए कथित रूप से ब्लैकमेल करने और मोटी रकम वसूलने का आरोप लगा है।

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यह खुलासा एक यूट्यूब क्रिएटर ने अपने हालिया वीडियो में किया, जिसमें उन्होंने अपनी निजी कहानी के साथ-साथ ANI के इस कथित गलत व्यवहार का विस्तृत ब्यौरा दिया। यह मामला डिजिटल कंटेंट क्रिएशन के क्षेत्र में एक गंभीर मुद्दा उठाता है और सवाल खड़ा करता है कि भारत में कुछ न्यूज़ एजेंसियां अपने प्रभाव का कैसे दुरुपयोग कर रही हैं।

ANI की कॉपीराइट स्ट्राइक और वसूली का आरोप

क्रिएटर मोहक मंगल ने बताया कि 20 मई 2025 को उन्हें ANI से पहली कॉपीराइट स्ट्राइक मिली। यह स्ट्राइक उनके कोलकाता रेप केस पर बनाए गए एक वीडियो के लिए थी, जिसमें उन्होंने ANI की 11 सेकंड की फुटेज का उपयोग किया था। यह वीडियो 16 मिनट लंबा था और कई महीने पहले अपलोड किया गया था।

इसके कुछ ही समय बाद, उनके एक अन्य वीडियो, “ऑपरेशन सिंदूर” पर भी कॉपीराइट स्ट्राइक मिली, जिसमें उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की 9 सेकंड की फुटेज इस्तेमाल की थी। गौरतलब है कि यूट्यूब नियमों के अनुसार अगर किसी चैनल को तीन कॉपीराइट स्ट्राइक मिलती हैं, तो चैनल तुरंत डिलीट कर दिया जाता है।

इस स्थिति में क्रिएटर मोहक मंगल का चैनल डिलीट होने से सिर्फ एक स्ट्राइक की दूरी पर था। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि ANI ने उनसे संपर्क कर 45 लाख रुपये प्लस जीएसटी की मांग की, जिसके बदले सारी स्ट्राइक्स हटाई जा सकें। ANI ने इसे “पेनल्टी और एनुअल सब्सक्रिप्शन” का हिस्सा बताया फिरौती मांगी।

क्रिएटर ने इसे “हफ्ता वसूली” की संज्ञा देते हुए कहा कि इतनी बड़ी राशि न केवल उनके लिए, बल्कि किसी भी क्रिएटर के लिए कमा पाना संभव नहीं है, फिर वे केवल 9-10 सेकंड की न्यूज क्लिप के लिए कैसे इतनी बड़ी रकम माँग सकते हैं?

ANI का किडनैपिंग पर आधारित बिजनेस मॉडल

दरअसल ANI का यह व्यवहार केवल इस केस में नहीं, बल्कि कई अन्य यूट्यूब क्रिएटर्स के साथ भी देखा गया है। एक अन्य क्रिएटर, जिनका चैनल तीन से अधिक स्ट्राइक्स के कारण डिलीट हो गया था, से ANI ने स्ट्राइक हटाने की एवज में 18 लाख रुपये प्लस जीएसटी की वसूली की थी।

एक और बड़े क्रिएटर को हाल ही में 50 लाख रुपये प्लस जीएसटी की फिरौती देनी पड़ी थी। कई क्रिएटर्स शिकायत कर चुके हैं कि ANI का बिजनेस मॉडल किडनैपिंग पर आधारित है जिसमें वे कॉपीराइट स्ट्राइक डालकर यूट्यूब चैनल को बंधक बना लेते हैं और फिर चैनल डिलीट करवाने की धमकी देकर स्ट्राइक्स हटाने के बदले में मनमानी मोटी रकम मांगते हैं।

मोहक मंगल ने ANI के एक कर्मचारी के साथ अपनी बातचीत का जिक्र किया, जिसमें कर्मचारी ने कहा, “आपको अभी सिर्फ दो स्ट्राइक्स मिली हैं। अभी छह और आएंगी।” इस तरह ANI धीरे धीरे चैनल पर शिकंजा कसता जाता है। इस मोटी रकम को ANI एनुअल सब्सक्रिप्शन देने का मुखौटा पहनाकर वसूल करता है।

मोहक मंगल को ANI कर्मचारी ने पहले 45 लाख में 1 साल के सब्स्क्रिप्शन और स्ट्राइक्स हटाने की पेशकश की थी पर जब मोलभाव किया गया तो कर्मचारी ने 40 लाख रुपये में दो साल का सब्सक्रिप्शन ऑफर कर दिया। ऊपर से दावा किया कि वह इस मामले में क्रिएटर को “डिस्काउंट” दे रहा है।

इससे साफ है कि यह हफ्ता वसूली का अवैध धंधा पूरी तरह मनमानी पर आधारित है जिसका कोई नियम नहीं है, कानूनों के अभाव में चैनलों की डिजिटल किडनैपिंग की जा रही है। क्रिएटर ने इस व्यवहार को “स्कैम कॉल सेंटर्स” की तरह बताया, जहां धमकी और ब्लैकमेल के जरिए पैसे वसूले जाते हैं।

फेयर यूज़ की अवधारणा और ANI का रवैया

क्रिएटर ने “फेयर यूज़” की अवधारणा का हवाला देते हुए कहा कि 20-30 मिनट के वीडियो में कुछ सेकंड की फुटेज का उपयोग करना सामान्य प्रथा है, खासकर जब यह समाचार या कमेंट्री के उद्देश्य से हो। उन्होंने बताया कि सामान्यतः कॉपीराइट स्ट्राइक के मामलों में वीडियो डिलीट या डीमोनेटाइज हो जाता है।

लेकिन ANI ऐसा नहीं करता और स्ट्राइक डालकर ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू करता है और मनमानी वसूली करता है। क्रिएटर ने कहा, “अगर टी-सीरीज का गाना इस्तेमाल होता है, तो वे सिर्फ उस वीडियो का रेवेन्यू लेते हैं। लेकिन ANI का मॉडल अलग है। वे कहते हैं कि या तो मनमानी पेनल्टी दो, या मनमाने मूल्य पर सब्सक्रिप्शन लो।”

पेड सब्स्क्रिप्शन बंद करते ही पुरानी वीडियोज़ पर स्ट्राइक मारता है ANI

ANI की पैसे एंठने की चालें केवल इतनी सी नहीं है। इसका धन उगाही का सिस्टम बेहद घातक है। कई यूट्यूब चैनल्स ऐसे हैं जिन्होंने सालों तक इसका पेड सब्सक्रिप्शन ले रखा था और फिर उन वीडिओज़ का उपयोग किया। पर जब किसी कारणवश सब्सक्रिप्शन बन्द कर दिया तो ANI दो-दो, तीन-तीन साल पुराने उन वीडिओज़ पर स्ट्राइक मारता है जो पेड सब्सक्रिप्शन के दौरान उपयोग लिए गए थे।

यदि सब्सक्रिप्शन न हो, या खत्म हो गया, उसके बाद ANI की वीडियो डाल दी हो और उसपर स्ट्राइक आए तो समझ आता है। पर जिसने सालों तक सब्सक्रिप्शन ले रखा था, उस समय के पेड वीडिओज़ पर दो तीन साल बाद स्ट्राइक मारना अनैतिक नहीं तो क्या है? तीन तीन साल पुराने वीडिओज़ पर स्ट्राइक मारके ANI लाखों रुपए की डिमांड करता है, नहीं तो चैनल उड़वाने की धमकी देता है।

प्रख्यात यूट्यूबर्स ने किया क्रिएटर का समर्थन

इस मामले में यूट्यूब से ट्विटर तक क्रिएटर को भारी समर्थन मिल रहा है क्योंकि जो खेल अब तक पर्दे के पीछे चल रहा था वह सामने आ गया है। प्रख्यात यूट्यूबर नितीश राजपूत, प्रोफेसर ऑफ हाउ, ठगेश, संडे सार्थक, कुनाल कामरा आदि ने इस मुद्दे पर ANI पर सवालिया निशान खड़े किए हैं।

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सरकारी हस्तक्षेप की मांग

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए, क्रिएटर ने सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को ईमेल के जरिए इसकी जानकारी दी। उन्होंने अपने दर्शकों से भी अपील की कि वे इस मुद्दे को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं और ANI को उनके प्लेटफॉर्म्स पर अनफॉलो और ब्लॉक करें।

उन्होंने अन्य क्रिएटर्स से भी ANI के साथ हुई बातचीत के सबूत, जैसे ईमेल और कॉल रिकॉर्डिंग, इकट्ठा करने और मंत्रालय को भेजने का आग्रह किया।

क्रिएटर्स के लिए एकजुट होने का आह्वान

क्रिएटर ने अपने दर्शकों और अन्य यूट्यूब क्रिएटर्स से इस मुद्दे पर एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा, “अगर हम सभी सबूतों के साथ मंत्रालय को ईमेल करेंगे, तो यह बात सरकार तक जरूर पहुंचेगी।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी ANI या उनके कर्मचारियों से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है, लेकिन इस तरह की प्रथाओं को बेनकाब करना जरूरी है। उन्होंने कहा, “अगर मेरा चैनल डिलीट हो जाता है, तो मैं नया चैनल बनाऊंगा और उतना ही सफल होऊंगा।”

एक गंभीर सवाल

यह मामला न केवल डिजिटल क्रिएटर्स के लिए, बल्कि पूरे मीडिया और न्यूज़ इंडस्ट्री के लिए एक गंभीर सवाल खड़ा करता है। क्या भारत में कुछ न्यूज़ एजेंसियां अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर रही हैं? क्या कॉपीराइट स्ट्राइक का इस्तेमाल अब एक वसूली के हथियार के रूप में हो रहा है? इस मामले ने डिजिटल क्रिएटर्स और सरकार दोनों को इस दिशा में सोचने और कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया है।

क्रिएटर ने अपने दर्शकों से इस वीडियो को शेयर करने, ANI को अनफॉलो करने और अन्य प्रभावित क्रिएटर्स से सबूत इकट्ठा करने की अपील की है। अब यह देखना बाकी है कि सरकार और यूट्यूब इस मामले में क्या कदम उठाते हैं। इस बीच, यह मामला डिजिटल युग में कॉपीराइट कानूनों और उनके दुरुपयोग पर एक नई बहस को जन्म दे रहा है।

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