राजस्थान में पिछले दिनों लगातार हुए स्कूल हादसों और राज्य सरकार की प्रशासनिक विफलताओं के बाद अब दिल्ली से बड़ी हलचल की खबर आ रही है।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान में सरकारी कामकाज और प्रबंधन में हुई गम्भीर चूकों से बेहद नाराज हैं। इसी के मद्देनजर पीएम ने आनन-फानन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को दिल्ली तलब किया है।
मोदी की कड़ी मुद्रा और अचानक तय हुई इस मुलाकात से साफ संकेत मिल रहे हैं कि राजस्थान सरकार के कामकाज से PM असंतुष्ट हैं जिसका खामियाजा भजनलाल सरकार को भुगतना पड़ सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भले ही इसे विकास और सकारात्मक बातचीत बताया है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री को कड़े शब्दों में चेतावनी दी गई है।
स्कूल हादसों, मंत्रियों की कार्यशैली और अनेक मुद्दों पर जनता से मिले नकारात्मक फीडबैक का स्पष्टीकरण CM से मांगा गया है। सूत्रों के हवाले से ऐसी चर्चाएं तेज हो रही हैं कि राजस्थान में जल्द ही बड़ा प्रशासनिक और राजनीतिक बदलाव भी किया जा सकता है।
स्कूल हादसों से मचा हाहाकार, पीएम मोदी की नाराजगी स्वाभाविक
हाल के दिनों में राजस्थान के विभिन्न जिलों, झालावाड़, नागौर, बीकानेर, करौली में सरकारी विद्यालयों की जर्जर इमारतें ढहने से हुए दर्दनाक हादसों में अनेक बच्चों की जान चली गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विद्यालय भवनों की मरम्मत के लिए बजट की कमी और विभागीय लापरवाही को इन घटनाओं का कारण बताया गया था। इन हादसों ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरीं, जिससे भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की जमकर किरकिरी हुई।
विशेषज्ञों के अनुसार, इन त्रासद घटनाओं से पीएम मोदी बेहद नाराज बताए जा रहे हैं। राजस्थान में भाजपा की छवि को तो इन हादसों ने बुरी तरह नुकसान पहुँचाया ही है साथ ही नेतृत्व चयन के फॉर्मूले पर भी प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं।
जिसका असर आगामी दूसरे राज्यों के चुनावों पर भी पड़ने की संभावना है। ऐसे में पीएम मोदी का मुख्यमंत्री शर्मा को तलब कर सख्त निर्देश देना स्वाभाविक है।
राजस्थान में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट, मंत्रिमंडल फेरबदल संभव
पीएम मोदी की अचानक बुलाई गई इस बैठक के बाद राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चाएं जोरों पर हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राजस्थान सरकार के कई मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मोदी सरकार के निशाने पर हैं।
सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने भजनलाल शर्मा से स्पष्ट कहा है कि राज्य सरकार के मंत्री अपने विभागों का दायित्व ठीक से नहीं निभा रहे हैं, जिससे केंद्र सरकार की छवि भी धूमिल हुई है।
राजस्थान भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता भी गुपचुप तरीके से दिल्ली में बैठकें कर रहे हैं। ऐसी खबरें आ रही हैं कि कई मंत्रियों को हटाकर नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है।
इसके द्वारा भाजपा जनता की नाराजगी को कम करना चाहती है। विशेष रूप से शिक्षा विभाग और लोक निर्माण विभाग के मंत्रियों के हटने की संभावना जताई जा रही है।
प्रशासनिक स्तर पर व्यापक बदलाव के संकेत
राजस्थान के सरकारी विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर पीएम मोदी की गम्भीरता जगजाहिर है। सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री ने भजनलाल शर्मा को सख्त लहजे में कहा है कि राज्य में प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह से निरंकुश हो चुकी है, और जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए गए हैं।
ऐसे में, आने वाले दिनों में राजस्थान में आईएएस-आईपीएस अधिकारियों के तबादले, निलंबन, और प्रशासनिक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
राजस्थान सरकार की कार्यशैली को लेकर मोदी की यह नाराजगी पहली बार सार्वजनिक तौर पर सामने आई है। इस आपात बैठक के बाद राज्य सरकार में हड़कंप मच गया है, अधिकारी और मंत्री अब सतर्क हो गए हैं।
जनता में आक्रोश, विपक्ष को मिला बड़ा मुद्दा
राजस्थान में हुए हादसों ने भाजपा विरोधी पार्टियों को बड़ा मुद्दा दे दिया है। कांग्रेस सहित विपक्ष के कई नेता लगातार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और राज्य सरकार पर हमला बोल रहे हैं।
ऐसे में पीएम मोदी की इस ताजा नाराजगी और मुख्यमंत्री के तलब किए जाने से विपक्ष को एक और मौका मिला है। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि राज्य सरकार की नाकामी के कारण पीएम मोदी को हस्तक्षेप करना पड़ा।
आगामी चुनावों पर असर तय
राजस्थान में कुछ ही समय बाद विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पीएम मोदी की इस सख्त कार्रवाई और मुख्यमंत्री को दिल्ली बुलाकर लगाई गई कथित फटकार से भाजपा की राजस्थान इकाई चिंतित है।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, मोदी चाहते हैं कि पार्टी की छवि को हुए नुकसान की तुरंत भरपाई की जाए।
पीएम मोदी की इस ताजा नाराजगी से स्पष्ट संकेत मिलता है कि राजस्थान सरकार को अब जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी, अन्यथा राज्य में बड़ा राजनीतिक बदलाव देखने को मिलेगा। आने वाले कुछ सप्ताह राजस्थान की राजनीति के लिए बेहद अहम साबित हो सकते हैं।