Amit Shah: संसद में हाल ही में प्रस्तुत किए गए ‘आप्रवासी और विदेशी विषयक विधेयक, 2025’ (Bureau of Immigration Bill, 2025) पर चर्चा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बेहद सख्त लहजे में कहा – “भारत कोई धर्मशाला नहीं है कि जो चाहे यहां आकर बस जाए।”
उन्होंने कहा कि अब विदेशों से भारत आने वाले हर व्यक्ति का पूरा रिकॉर्ड सरकार के पास होगा और अवैध घुसपैठियों पर नकेल कसने के लिए सरकार हर जरूरी कदम उठाएगी।
इस बयान के साथ ही सरकार ने यह संकेत दे दिया है कि देश की जनसंख्या और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा।
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Amit Shah: घुसपैठ एक सुरक्षा नहीं, बल्कि अस्तित्व का संकट
Amit Shah:गृह मंत्री ने घुसपैठ की समस्या को सिर्फ कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं बताया, बल्कि इसे राष्ट्र की सुरक्षा, संसाधनों के दोहन और सांस्कृतिक असंतुलन का कारण बताया। उन्होंने संसद में कहा कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों से अवैध घुसपैठ के पीछे एक बड़ी साजिश है — भारत की जनसंख्या और सांस्कृतिक संरचना को बदलने की।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुमान के अनुसार भारत में इस वक्त करीब 3 से 5 करोड़ घुसपैठिए अवैध रूप से रह रहे हैं। यह न सिर्फ संसाधनों पर दबाव बना रहे हैं, बल्कि अपराधों और उग्र गतिविधियों में भी शामिल हो रहे हैं।
राज्यवार हालात: असम, बंगाल और दिल्ली में सबसे बुरा असर
Amit Shah:असम में घुसपैठ का सबसे बड़ा असर जनसंख्या संरचना पर पड़ा है। गृह मंत्री के अनुसार, वहां के कई जिलों में मुस्लिम आबादी 50 से 80 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। यही स्थिति पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों – जैसे मालदा, मुर्शिदाबाद, उत्तर 24 परगना – में देखने को मिल रही है।
इन जिलों में स्थानीय हिंदू समुदायों में भय और पलायन की स्थिति बन रही है। लोग आरोप लगा रहे हैं कि सरकारी संरक्षण में घुसपैठियों को वोट बैंक के लिए राशन कार्ड, आधार और वोटर आईडी जैसे दस्तावेज दिए जा रहे हैं।
घुसपैठिए बनते हैं अपराधी, लेते हैं हिंदू नाम
Amit Shah:गृह मंत्रालय के अनुसार बांग्लादेशी घुसपैठिए फर्जी दस्तावेज बनवाकर भारत में न सिर्फ बस जाते हैं, बल्कि हिंदू नाम रखकर पहचान छिपाते हैं और अपराधों को अंजाम देते हैं। हाल ही में अभिनेता सैफ अली खान पर हमले के आरोपी की पहचान बांग्लादेशी नागरिक के रूप में हुई थी, जो फर्जी आधार कार्ड पर रह रहा था।
कुछ मामलों में इनके आईएसआई और अन्य आतंकवादी संगठनों से संपर्क होने के भी सबूत मिले हैं। ऐसे लोग भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुके हैं।
गृह मंत्रालय का नया कानून: जेल और भारी जुर्माने का प्रावधान
Amit Shah: 27 मार्च को लोकसभा में पारित ‘आप्रवासी और विदेशी विषयक विधेयक, 2025’ के जरिए अब घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है। इस कानून में शामिल हैं:
- अवैध रूप से रहने वाले विदेशी नागरिकों को 5 से 7 साल की जेल
- 5 से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना
- घुसपैठियों की निगरानी और कार्रवाई की शक्तियां सीधे आव्रजन अधिकारियों को
इस कानून के तहत अब प्रवेश और निकास डेटा डिजिटल फॉर्म में संग्रहीत किया जाएगा, जिससे हर विदेशी नागरिक की गतिविधियों पर नज़र रखी जा सकेगी।
बंगाल सरकार पर गंभीर आरोप
Amit Shah: अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर आरोप लगाया कि वो घुसपैठ के खिलाफ केंद्र सरकार को सहयोग नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल में 450 किलोमीटर सीमा पर अभी तक बाड़ नहीं लगाई जा सकी है, क्योंकि राज्य सरकार सहयोग नहीं कर रही।”
उन्होंने यह भी कहा कि वहां की सरकार जानबूझकर घुसपैठियों को पहचान-पत्र, मकान और अन्य सुविधाएं मुहैया करवा रही है, जिससे वो स्थायी नागरिक बन जाएं और चुनावों में वोट बैंक बन सकें।
देशभर में घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
Amit Shah: हाल ही में दिल्ली, महाराष्ट्र, ओडिशा, केरल और असम सहित कई राज्यों में घुसपैठियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाए गए हैं। दिल्ली में सिर्फ एक ही ऑपरेशन में 200 से ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान हुई और उनमें से कई को डिटेंशन सेंटर भेजा गया।
ओडिशा और केरल में भी रेलवे स्टेशनों और निर्माण स्थलों पर बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है जो मजदूरी और अन्य कामों में लगे हुए थे।
आने वाले समय में और सख्ती संभव
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कानून भारत के लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। जहां एक ओर इससे अवैध घुसपैठ पर लगाम लगेगी, वहीं दूसरी ओर देश की जनसांख्यिकीय और सांस्कृतिक पहचान को बचाने में मदद मिलेगी।
गृह मंत्रालय भविष्य में सीमा सुरक्षा बलों को और अधिकार, डिटेंशन सेंटरों की संख्या बढ़ाने, और डिजिटल निगरानी तंत्र को मजबूत करने पर भी जोर दे सकता है।