Alcohol: अक्सर यह धारणा बन गई है कि “थोड़ी-सी शराब नुकसान नहीं करती“, और कुछ लोग तो इसे तनाव दूर करने का आसान उपाय भी मानते हैं। लेकिन नई मेडिकल रिसर्च यह स्पष्ट कर रही है कि कम मात्रा में शराब का सेवन भी दिमाग के लिए सुरक्षित नहीं है।
असल में, शराब हमारे शरीर के सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर सीधा असर डालती है। जब कोई शराब पीता है, तो यह दिमाग में मौजूद न्यूरोट्रांसमीटर के कामकाज को बदल देती है। शुरुआत में व्यक्ति को हल्की राहत या रिलैक्स महसूस होता है, लेकिन धीरे-धीरे यह असर नुकसान में बदलने लगता है।
Table of Contents
Alcohol: शराब पीने से याद रखने की क्षमता प्रभावित
रिसर्च के अनुसार, कम मात्रा में नियमित रूप से शराब पीने वालों की सोचने, बोलने और याद रखने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। यहां तक कि ‘मॉडरेट ड्रिंकिंग’ यानी रोज़ाना 1-2 ड्रिंक भी दिमाग के लिए खतरे की घंटी साबित हो रही है। University of Pennsylvania की एक स्टडी, जो 2022 में Nature Communications में प्रकाशित हुई थी, ने यह खुलासा किया कि रोजाना सिर्फ एक ड्रिंक से भी ब्रेन वॉल्यूम में कमी देखी गई है।
डिमेंशिया बीमारी को देती है जन्म
दिमाग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हिप्पोकैम्पस होता है, जो याददाश्त और लोकेशन पहचानने के लिए जिम्मेदार होता है। शराब इस हिस्से को सबसे पहले प्रभावित करती है। नतीजा? व्यक्ति को चीजें याद रखने में मुश्किल होती है, उलझन बढ़ती है और निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि यदि कोई लंबे समय तक शराब का सेवन करता है, तो उसे ARBD (Alcohol-Related Brain Damage) होने का खतरा रहता है। यह एक गंभीर स्थिति है जो डिमेंशिया जैसी बीमारियों को जन्म दे सकती है, जहां व्यक्ति धीरे-धीरे सोचने, समझने और सामान्य जीवन जीने की क्षमता खो देता है।
टीनएजर्स और युवाओं पर खतरा
टीनएजर्स और युवा वर्ग के लिए तो खतरा और भी बड़ा होता है, क्योंकि उनका दिमाग अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुआ होता। इस स्टेज पर शराब का असर स्थायी नुकसान का रूप ले सकता है। रिसर्च बताती है कि इस उम्र में शराब पीने से पढ़ाई, याददाश्त, एकाग्रता और इमोशनल कंट्रोल पर गहरा असर पड़ता है।
इसलिए अब समय आ गया है कि हम यह मान लें “थोड़ी-सी शराब भी सुरक्षित नहीं है।” इसका असर धीरे-धीरे दिमाग को अंदर से खोखला कर सकता है। याददाश्त कम हो सकती है, सोचने-समझने की शक्ति घट सकती है और मानसिक रोगों का खतरा कई गुना बढ़ सकता है।
अगर आप चाहते हैं कि आपका दिमाग लंबे समय तक तेज़, संतुलित और स्वस्थ बना रहे, तो शराब से दूरी ही सबसे समझदारी भरा फैसला होगा। आज की रिसर्च यही कहती है स्वस्थ दिमाग के लिए ज़रा सी शराब भी ज़हर जैसी है।