Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान में सोमवार देर रात आए 6.0 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। सरकारी प्रसारक रेडियो टेलीविजन अफगानिस्तान (RTA) की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक करीब 600 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1000 से ज्यादा लोग घायल हैं।
तालिबान सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि कई इलाकों में अभी भी राहत और बचाव अभियान जारी है। पर्वतीय और दूर-दराज के क्षेत्रों तक राहत सामग्री पहुंचाने में समय लग रहा है, इसलिए मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।
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Afghanistan Earthquake: तीन गांव पूरी तरह तबाह
भूकंप से सबसे ज्यादा तबाही कुनार प्रांत में हुई है। यहां नूरगल, चावके और वटापुर नाम के तीन गांव पूरी तरह बर्बाद हो गए। मिट्टी और पत्थरों से बने घर चंद सेकंड में ढह गए। कई परिवारों के सभी सदस्य मलबे में दब गए।
पाकिस्तान की सीमा से सटे खैबर पख्तूनख्वा इलाके में भी भूकंप का असर दिखा। वहां भी कई घर गिर गए हैं और बचाव दल लगातार मलबा हटाकर जिंदा बचे लोगों को खोजने की कोशिश कर रहे हैं।
तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पूर्वी प्रांतों में भारी जान-माल का नुकसान हुआ है। सरकार अपनी पूरी ताकत से राहत कार्य में जुटी है।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील भी की है। वहीं, अफगान अधिकारियों का कहना है कि अब तक किसी विदेशी सरकार ने बचाव कार्य के लिए कोई मदद नहीं भेजी है।
30 मिनट में आए कई आफ्टरशॉक
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र जलालाबाद शहर से करीब 27 किलोमीटर दूर और जमीन से 10 किलोमीटर गहराई में था।
रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआती झटके के बाद अगले 30 मिनट के भीतर तीन से चार आफ्टरशॉक आए, जिनकी तीव्रता 4 से 5 के बीच थी। इन आफ्टरशॉक्स ने लोगों में दहशत और बढ़ा दी।
भूकंप के तेज झटके अफगानिस्तान की राजधानी काबुल और पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में भी कई सेकंड तक महसूस किए गए।
विशेषज्ञों का कहना है कि उथले भूकंप ज्यादा खतरनाक होते हैं क्योंकि इनकी ऊर्जा जमीन के नजदीक फैलती है और इमारतों को ज्यादा नुकसान पहुंचाती है।
2023 के बाद सबसे घातक आपदा
अफगानिस्तान भूकंप संभावित इलाकों में आता है क्योंकि यह हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला के पास स्थित है, जहां यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेट्स आपस में टकराती हैं। इसी वजह से यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं।
सोमवार का यह भूकंप 2023 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी आपदा माना जा रहा है। दो साल पहले इसी इलाके में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसने हजारों लोगों की जान ले ली थी। उस समय तालिबान ने करीब 4,000 मौतों का दावा किया था, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने 1,500 मौतों की पुष्टि की थी।
इस बार भी हालात बेहद गंभीर हैं। बचाव दल लगातार मलबा हटाने और लोगों की जान बचाने में लगे हैं। सरकार ने नागरिकों से शांति बनाए रखने और बचावकर्मियों का सहयोग करने की अपील की है।