Ganesh Chaturthi: ऐसा कहा जाता है कि गणेश चतुर्थी पर हमेशा बप्पा की मिट्टी से बनी मूर्ति ही लानी चाहिए लेकिन क्या आपको पता है कि इसके पीछे का कारण क्या है। चलिए आपको बताते हैं।
गणेश चतुर्थी
जल्द ही गणेश चतुर्थी आ रही है, बप्पा का आगमन होने जा रहा है। शास्त्रों में गणेश जी को प्रथम पूजनीय बताया गया है। इस दिन लोग घर में बप्पा कि मूर्ति लाते हैं और अगले 10 दिनों तक उनकी पूजा करते हैं। वैसे तो लोग कई तरह की बप्पा की मूर्ति खरीदते हैं मिट्टी से बनी मूर्ति का विशेष महत्व है। क्या आपको पता है की मिट्टी से बने गणेश जी का पूजन क्यों किया जाता है।
मिट्टी की प्रतिमा में गणेश जी का वास होता है
पौराणिक कथाओं में ऐसा माना गया है कि मिट्टी से बनी मूर्ति में गणेश जी स्वयं वास करते हैं। आपको ये भी बता दें कि मिट्टी से बने गणेश जी की पूजा करने से मां-लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं साथ ही मिट्टी से बने गैस जी का पूजन करने से कई यज्ञों का फल मिलता है। मिट्टी में पांच तत्त्व होते हैं। भूमि, अग्नि, नीर, वायु, और आकाश सब भूमि सब मिट्टी में ही होते हैं।
मिट्टी के गणेश जी का इतना महत्व क्यों है?
कथाओं के अनुसार एक बार माता पार्वती ने स्नान से पहले अपने शरीर के उबटन से एक प्रतिमा का निर्माण किया था। माता ने प्रतिमे को सुन्दर बनाने के लिए मिट्टी का उपयोग किया था और भगवान शिव ने अपनी दिव्य सकती से अपनी प्रतिमा में प्राण डाल दिए थे। प्रतिमे ने बालक रूप में जन्म लिया और इसी बालक का नाम भग्वान गणेश रखा गया। इस ही वजह से कथाओं में धातु की जगह पर मिट्टी से बनी मूर्ति को महत्ता दी गयी है।
मिट्टी के स्वभाव में ही पवित्रता होती है
मान्यता है कि मिट्टी के स्वाभाव में पवित्रता होती है। इसलिए मिट्टी से बने हुए गणेश जी का पूजन फलदायी माना जाता है। जिस तरह भगवान गणेश की पूजा में एल्युमिनियम, चमड़ा जैसी धातुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए उसी प्रकार से पीओपी भी कई ऐसे धातु होती हैं जो शुद्ध नहीं होती। यही कारण है कि इन मूर्तियों में भग्वान का निवास नहीं माना जाता है। लेकिन मार्केट में कई मूर्तियों को पीओपी से ही बनाया जाता है।
आप भी इस चतुर्थी मिट्टी के बप्पा ही लाएं
आप भी अपने घर इस गणेश चतुर्थी पर मिट्टी से बनी बप्पा की मूर्ति ही लाएं। विसर्जन के समय धातुएं पानी के साथ मिल नहीं पाती और जब तक बप्पा का विसर्जन न हो पूजा सफल ही नहीं मानी जाती है। मिट्टी में किसी प्रकार की कोई धातु नहीं होती और ये आसानी से विसर्जित भी हो जाती है। इसलिए भी बप्पा की प्रतिमा मिट्टी की ही लानी चाहिए।