Brain Rot: सोशल मीडिया स्क्रॉल किए बिना आपका दिन पूरा नहीं होता,रील्स देखे बिना आपको अधूरा सा महसूस होता है और अगर आप बिना फोन के बेचैन होने लगते हैं तो आप ब्रेन रॉट का शिकार हो सकते हैं। अगर आप जरुरत से ज्यादा समय अपने फोन पर बिता रहे हैं तो बिना देरी करें सतर्क हो जाए।
क्या है Brain Rot
मुमकिन है यह शब्द आपने पहली बार सुना हो लेकिन इससे शिकार हुए लोग आपको अपने आसपास आसानी से दिख जाएंगे। ब्रेन रॉट वैसे तो एक दिमाग की एक स्टेज है लेकिन इसका जुड़ाव काफी हद तक सोशल मीडिया से है। चीन टपाक डम डम, मैं हूं कल्लू कालिया जैसे डायलॉग सुनकर आपके मजे आते हैं। बात-बात पर इनका इस्तेमाल करते हैं और खूब हंसते हैं खूब हंसते हैं। लेकिन धीरे-धीरे यह आदतें आपको सीमित कर देती है यह समझना जितना मुश्किल है उतना ही खतरनाक भी है।
ब्रेन रॉट वैसे कोई टेक्निकल शब्द नहीं है। उसे सिचुएशन को हाईलाइट करता है जब इंसान बहुत ज्यादा समय डिजिटल कंटेंट, सोशल मीडिया या एंटरटेनमेंट कंटेंट देखने की वजह से अपनी मानसिक शक्ति ध्यान और शक्ति में कमी महसूस करने लगता है। अगर आसान भाषा में कहीं तो इससे मानसिक थकान यह डिजिटल थकान भी कहा जा सकता है।
ब्रेन रॉट कितना खतरनाक है?
स्मार्टफोन हमारे जीवन का अटूट हिस्सा बन चुका है लेकिन इसकी लत हमें नुकसान पहचाने लग गई है। माता-पिता आजकल अपने बच्चों को झुनझुना पकड़ने की उम्र में फोन पकड़ा देते हैं और आज इसी का नतीजा है कि कई लोगों को स्मार्टफोन की बुरी लत लग चुकी है। अगर उनको फोन ना दिया जाए तो वह खाना खाना छोड़ देते हैं या फिर मारपीट करने के लिए आतुर हो जाते हैं। ऐसी कई मामले सामने आए जब वह स्मार्टफोन के लिए जान तक ले लेते हैं अब आप ही सोची कि यह स्मार्टफोन की लत कितनी खतरनाक साबित हो सकती है।