Tuesday, December 3, 2024

Sheikh Hasina: असाइलम और रीफ्यूजी में क्या है फर्क, दोनों में से किस केटेगरी में आएंगी शेख हसीना

Sheikh Hasina: बांग्लादेश के पूर्व सीएम ने शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे डियर और भारत आ गयी जहां से वो लंदन के लिए रवाना होना वाली थी लेकिन उन्हें वहां शरण देने से साफ़ इंकार कर दिया गया है। आने वाले समय में शेख हसीना ब्रिटेन में शरण लेना चाहती हैं लेकिन अब मुद्दा ये है कि ब्रिटेन उन्हें कौनसी श्रेणी में शरण देगा।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

बांग्लादेश हिंसा की आग में बुरी तरह से झुलस रहा है। ऐसे में शेख हसीना को देश छोड़कर भारत आना पड़ा। भारत ने उन्हें शरण दी है और अभी वो भारत की सुरक्षा में ही है। लेकिन ख़बरों में कहा जा रहा है कि शेख हसीना ब्रिटेन जाना चाहती हैं। अब मुद्दा ये है कि ब्रिटेन उन्हें शरण देगा भी या नहीं। अगर ब्रिटेन हसीना को शरण देता है वो उन्हें कौनसी केटेगरी में शरण देगा।

Sheikh Hasina: बांग्लादेश के हालात

वहां प्रदर्शनकारियों ने अपनी हिंसा का नंगा नाच शुरू कर दिया है। वो लोग चुन-चुन कर हिन्दुओं को मार रहे हैं। उनके घर, मंदिर जला रह हैं। उनके साथ हर तरीका का अत्याचार किया जा रहा है। इन घटनाओं के चलते अभी बांग्लादेश में कर्फ्यू लगा है और अभी बांग्लादेश की कमान सेना के पास है।

शेख हसीना भारत है और एकदम सुरक्षित है। भारत सरकार उन्हें सुरक्षा देने का हर संभव प्रयास कर रही है। हसीना को ब्रिटेन की शरण में जाना है तो अब सवाल ये है ब्रिटेन हसीना को किस श्रेणी में अपने पास शरण देगा।

असाइलम और रिफ्यूजी के बीच का अंतर

असाइलम सीकर और रिफ्यूजी दोनों ही ऐसा लोग होते हैं, जो अपने मूल देश से सताए जाने के कारण अंतराष्ट्रीय शरण लेते हैं औरउनसे सुरक्षा भी मांगते हैं। लेकिन दोनों की परिस्थितियों के बीच रात-दिन का अंतर होता है। रिफ्यूजी या शरणार्थी वो लोग होते हैं जो अपने मूल देश से किसी दूसरे देश में भाग आते हैं और अपनी जाती, धर्म राष्ट्रीयता या किसी अन्य सामूहिक सदस्यता के सताए जाने के कारण अपने देश वापस लौटना नहीं चाहते। हां लेकिन संयुक्त राष्ट्र 1951 कन्वेंशन और 1967 प्रोटोकॉल के तहत शरणार्थी के डर को साबित करने के लिए कोई मजबूत वजह होनी चाहिए।

वहीं असाइलम या शरण उस व्यक्ति को दिया जाता है जो रिफ्यूजी की अंतर्राष्ट्रीय कानून की भाषा को पूरा करता है। आसान शब्दों में कहें तो असाइलम का स्टेटस शरण पाने की पहले स्टेज पर दिया जाता है। जब देश को ये भरोसा हो जाता है कि विदेशी मूल का व्यक्ति असल में ‘रिफ्यूजी’ है, तो उसे असाइलम दिया जाता है।

ब्रिटेन में कैसे मिलता है असाइलम

किसी भी देश में असाइलम पाने के लिए कुछ पैमाने होते हैं। ब्रिटेन में शरण पाने के लिए गृह कार्यालय को आवेदन करना होता है। ये विभाग ही तय करता है की शरण मिलने के लिए व्यक्ति काबिल है या नहीं। ब्रिटेन के नियमों के अनुसार अगर कोई व्यक्ति यूके में असाइलम पाने में सफल होता है, तो उसे आधिकारिक शरणार्थी का दर्जा दे दिया जाता है। वहीं शरणार्थी स्थिति में उस व्यक्ति को यूके में कम से कम 5 सालों तक रहने को मिलता है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत उन्हें बाकायदा सिक्योरिटी भी दी जाती है।

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest article