Micro ATM: पिछले तीन वर्षों में भारतीय बाजार में नॉन-कैश शॉपिंग का चलन काफी बढ़ा है। लोग बाजार से सामान खरीदते हैं और यूपीआई के जरिए भुगतान करते हैं। इससे सभी को लाभ होता है। खरीदार को अपनी जेब में नोटों की गड्डी नहीं रखनी होगी। लाखों रुपये विक्रेता के बटुए में नहीं रहते, जिससे चोरी और डकैती का खतरा कम हो जाता है। साथ ही बैंक को भी फायदा होता है। एटीएम पर भीड़ कम हो रही है। इसकी वजह से बैंकों ने काफी समय से बाजारों में एटीएम लगाने में कमी की है। ऐसे में बाजार में लोगों को कैश के लिए काफी परेशान होना पड़ता है तो आज हम आपको बताने जा रहे है माइक्रो एटीएम के बारे में, जो आपकी कैश की समस्याओं को खत्म कर देगा और आपको बिजनेस करने का अवसर भी प्रदान करेगा।
मार्केट में लगाएं Micro ATM
बाजार में अक्सर नेटवर्क डाउन हो जाते हैं, मोबाइल फोन में तकनीकी खराबी आ जाती है और यूपीआई भुगतान के दौरान बैंक सर्वर भी डाउन हो जाते हैं। ऐसे में आप ऑनलाइन यूपीआई पेमेंट नहीं कर पाएंगे। वहीं जेब में पैसे रखने की आदत खत्म हो गई है। ऐसे में लोगों को एटीएम की सख्त जरूरत है, लेकिन बैंक लगातार इन्हें बंद कर रहे हैं। इस समस्या का समाधान केवल आप ही कर सकते हैं। इसके लिए आप 10 Micro ATM ले सकते है। साथ ही इस चलाने के लिए आपरेटरों को नियुक्त कर सकते है और अब इसे बाज़ार के सबसे व्यस्त हिस्से में लेकर जाएं। जहां नेटवर्क ना के बराबर हो।
Micro ATM से होगा फायदा
बाजार में शापिंग के दौरान लोगों को पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में आप उन्हें पैसे दे सकते है। बता दें कि माइक्रो एटीएम कि बिजनेस इस पर आधारित नहीं है कि 24 घंटे के भीतर कितना पैसा आपने ट्रांसफर किया है। बल्कि इस पर आधारित है कि कितने लोगों ने लेनदेन की है। ऑपरेटिंग कंपनी प्रत्येक लेनदेन के लिए 8 रुपये का भुगतान करती है। अगर एक एटीएम से प्रतिदिन सिर्फ 100 ट्रांजैक्शन होते हैं तो आप खुद ही गणित लगाएं और देखें कि 10 एटीएम से आपको कितना फायदा मिलता है।