G-7 summit in Italy: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी-7 समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली रवाना हुए। मोदी एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ 14 जून को होने वाले शिखर सम्मेलन के संपर्क सत्र में भाग लेने के लिए गुरुवार को इटली रवाना हुए। तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है। इस शिखर सम्मेलन के मुख्य रूप से वैश्विक भू-राजनीतिक उथल-पुथल से निपटने पर ध्यान होगा। इटली के अपुलिया क्षेत्र के बोर्गो एग्नाजिया में 13 से 15 जून तक होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में विशेष रूप से यूक्रेन में चल रहे युद्ध और गाजा में संघर्ष का मुद्दा छाया रहने की संभावना है।
14 को संपर्क सत्र में भाग लेंगे PM मोदी
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि मोदी 14 जून को अन्य देशों के साथ संपर्क सत्र में भाग लेंगे। यह सत्र कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर से संबंधित मुद्दों पर केंद्रित होगा। विदेश सचिव ने कहा कि जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी से पिछले वर्ष भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के परिणामों पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा। विदेश सचिव ने कहा कि जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत की नियमित भागीदारी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए नयी दिल्ली के प्रयासों की बढ़ती मान्यता को दर्शाती है।
जॉर्जियो मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक संभव
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि मोदी के इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “बैठक में दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा करने तथा अगले कदमों के लिए दिशा-निर्देश देने की उम्मीद है।” मोदी के कुछ अन्य नेताओं के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें करने की संभावना है। यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ कोई द्विपक्षीय बैठक करेंगे, क्वात्रा ने सीधा जवाब नहीं दिया और कहा कि मोदी का कार्यक्रम अभी तय किया जा रहा है।