मध्यप्रदेश स्थित धार भोजशाला में एएसआई सर्वे चल रहा है। सर्वे के दौरान वहां खुदाई में भारतीय संस्कृति के कई प्रमाण मिले हैं। वहां हिंदु देवी- देवताओं की मूर्तियां मिलने का दावा किया गया है, वहीं मुस्लिम पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई है।
सर्वे के 80वें दिन भोजशाला में सीढ़ियों के नीचे बंद कमरे में देवी-देवताओं की मूर्तियां मिलने की बात सामने आ रही है। कमरे में भगवान गणेश, मां पार्वती, बाग्देवी, हनुमानजी व अन्य देवी देवताओं की 79 प्रतिमाएं मिली हैं। 8 बाय 10 फीट का यह कमरा दोनों पक्षों यानि हिन्दू और मुस्लिम की मौजूदगी में खोला गया। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के याचिकाकर्ता ने इसे भोजशाला के प्रमाणित होने की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। वहीं मुस्लिम पक्षकार के अनुसार इन सबको वहां बाद में रखा गया था।
हिन्दू पक्ष में खुशी का माहौल, मुस्लिम समाज जाहिर कर रहा आपत्ति
जहां इस खबर के सामने आने से हिन्दू समाज में खुशी का माहौल है तो वहीं मुस्लिम समाज इस बात से नाखुश इस बात पर आपत्ति जाहिर कर रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि धार की भोजशाला और कमाल मौला मस्जिद में बीते 80 दिनों से एएसआई का सर्वे चल रहा है। यह सर्वे मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) के आदेश के बाद जारी किया गया था।
देवियां, हनुमान जी, गणेश जी सहित मिली कई मूर्तियां
जीपीआर मशीन की जांच के बाद मिले डाटा के आधार पर सर्वे के लिहाज से इसे खोला गया, जहां एक फर्श हटाने के बाद टीम ने मिट्टी हटाई। इसके बाद कमरे से सबसे पहले भगवान गणेश जी, माता वाग्देवी, पार्वती, और महिषासुरमर्दिनी, फिर हनुमानजी की प्रतिमा निकली। कई प्रतिमाओं की ऊंचाई तो डेढ़ फीट से ढाई फीट तक की है।
यज्ञशाला की खुदाई के दौरान भी मिली हिंदुत्व को प्रमाणित कर वाली चीजें
उत्तरी हिस्से में जब खुदाई की गयी तो वहां भी लेवलिंग के दौरान पिलर के बेस, बीच के हिस्से में करीब 6 अवशेष निकले हैं जो की हिन्दू समाज को दर्शाते हैं । यज्ञशाला की मिट्टी हटाने के दौरान छह बड़े सनातनी अवशेष मिले हैं। इन्हें एएसआई ने जांच में शामिल किया। हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा ने बताया बारिश के चलते भोजशाला के आसपास बनाई गई ट्रेंच को भी मिट्टी भरकर बंद करा जा रहा है, जो अवशेष मिले वह प्रमाणित हैं। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के सदस्य आशीष गोयल का दावा है कि भोजशाला के भीतर बंद कमरा एएसआई के अधीन होकर सालों से बंद है।
मुस्लिम पक्ष ने इस बात का हवाला देकर जाहिर की आपत्ति
मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद ने परिसर से निकली मूर्तियों को लेकर अपनी आपत्ति जाहिर करते हुए मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि परिसर के उत्तर की ओर एक कमरा था, जहां वो नमाज का सामान रखते थे। 1997 में तत्कालीन कलेक्टर ने कमरे को खाली कराकर इसका पंचनामा बनाया था।
उन्होंने आगे ये भी बताया कि,” बंद कमरे से, जहां कोई सामान नहीं जो बरसों से खाली पड़ा था आज उसमें से मूर्तियां व अवशेष कैसे निकले? यह सबसे बड़ा सवाल है और इसपर हमारा (मुस्लिम समाज) का ऑब्जेक्शन भी है। और उन्होंने दावा किया कि 2003 के बाद जो चीज अंदर लाकर रखी गई है, उन्हें सर्वे में शामिल न किया जाए क्योंकि वह सभी मूर्तियां यहां बाद में लाकर यहां रखी गई है। यह आपत्ति आज भी है और हम पहले भी इसको लेकर अपनी एएसआई सर्वे टीम को आपत्ति दर्ज करा चुके हैं। ”
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