Shashi Tharoor: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया तारीफ के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर एक बार फिर सुर्खियों में हैं।
थरूर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर एक लेख लिखकर पीएम मोदी की सराहना की थी, जिसे लेकर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कड़ा तंज कसा।
Shashi Tharoor: खरगे ने कहा, “हमारे लिए देश पहले है, लेकिन कुछ लोगों के लिए मोदी पहले हैं।” इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में कयास तेज हो गए कि क्या शशि थरूर कांग्रेस छोड़ने की तैयारी में हैं?
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थरूर का जवाब, “उड़ने की इजाज़त मत मांगो…”
Shashi Tharoor: मल्लिकार्जुन खरगे के तंज का जवाब देते हुए शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि”उड़ने के लिए इजाजत मत मांगो, पंख तुम्हारे हैं और आसमान किसी का नहीं।”
उनका यह बयान न सिर्फ आत्मविश्वास से भरा था, बल्कि इसने यह संकेत भी दे दिया कि वह आलोचना से डरने वालों में नहीं हैं। थरूर पहले भी पार्टी लाइन से अलग राय रखने के लिए चर्चा में रहे हैं और उनके इस बयान को कई लोग राजनीतिक संकेत के रूप में देख रहे हैं।
कांग्रेस कार्यसमिति में क्यों रखा गया थरूर?
Shashi Tharoor: खरगे ने थरूर की अंग्रेज़ी की तारीफ करते हुए व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “उनकी भाषा बहुत अच्छी है, इसीलिए हमने उन्हें कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य बनाया है। मैं अंग्रेजी ठीक से नहीं पढ़ पाता, लेकिन थरूर की इंग्लिश काफी मजबूत है।”
चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
Shashi Tharoor: इस पूरे विवाद के बीच मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव आयोग पर भी तीखे सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अब सरकार की कठपुतली बन गया है।
खरगे ने कहा कि “राहुल गांधी जी तथ्यों के साथ बात कर रहे हैं, लेकिन आयोग मानने को तैयार नहीं। 5 महीने में 8 फीसदी वोटर वृद्धि कैसे हो सकती है? यह असामान्य है।”
खरगे का आरोप था कि चुनाव आयोग पूरी तरह बीजेपी के नियंत्रण में काम कर रहा है और उसमें आरएसएस के लोगों की घुसपैठ हो चुकी है।
क्या पार्टी में दरार गहराती जा रही है?
Shashi Tharoor: शशि थरूर और कांग्रेस आलाकमान के बीच मतभेद कोई नई बात नहीं है, लेकिन अब वह सार्वजनिक रूप ले चुका है।
पीएम मोदी की तारीफ करना, थरूर की ओर से लगातार “व्यक्तिगत राय” का ज़िक्र करना और खरगे की नाराजगी।
ये सब संकेत करते हैं कि पार्टी के भीतर दरार गहराती जा रही है।
क्या यह विद्रोह की शुरुआत है?
Shashi Tharoor: फिलहाल शशि थरूर ने पार्टी छोड़ने जैसा कोई संकेत नहीं दिया है, लेकिन उनके बयानों में आत्मविश्वास और अलग राह अपनाने का संकेत छिपा है।
क्या यह कांग्रेस के भीतर एक बौद्धिक विद्रोह की शुरुआत है? या फिर थरूर अपनी बात रखने की लोकतांत्रिक आज़ादी का इस्तेमाल कर रहे हैं? आने वाला समय बताएगा।
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