Indian Defence: भारतीय सेना ने हाल ही में पोखरण फायरिंग रेंज में स्वदेशी ‘रुद्रास्त्र’ ड्रोन का सफल परीक्षण किया है।
यह वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग (VTOL) ड्रोन है जिसे सोलर एयरोस्पेस एंड डिफेंस लिमिटेड (SDAL) ने विकसित किया है।
बुधवार को हुए इस परीक्षण में ड्रोन ने अपनी क्षमता का प्रभावशाली प्रदर्शन किया।
170 किमी की रेंज, दुश्मन के ठिकानों पर सीधा वार
Indian Defence: रुद्रास्त्र ड्रोन 170 किलोमीटर की दूरी तक जाकर दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने की ताकत रखता है।
यह न सिर्फ टारगेट को पहचान सकता है बल्कि वहां तक पहुंचकर विस्फोटक गिराने की क्षमता भी रखता है।
इसकी गाइडेड वॉरहेड तकनीक दुश्मन की फायरिंग पोजिशन को सटीकता से निशाना बनाती है।
लाइव वीडियो फीड के जरिए मिलती है दुश्मन की जानकारी
Indian Defence: इस ड्रोन की एक बड़ी खासियत यह है कि यह दुश्मन की गतिविधियों की लाइव वीडियो सेना को भेजता है।
जैसे ही दुश्मन की तोप या फायरिंग पोजिशन का पता चलता है, ड्रोन तुरंत हमला करने की स्थिति में आ जाता है और ऊपर से बम गिराकर पूरे क्षेत्र को तबाह कर देता है।
दुश्मन की तोपों और बंकरों को बनेगा काल
Indian Defence: रुद्रास्त्र को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह दुश्मन की तोपों, बंकरों और छुपे हुए ठिकानों को भी ऊपर से बम गिराकर ध्वस्त कर सकता है।
बम कुछ ऊंचाई पर जाकर फटते हैं जिससे नीचे मौजूद हर चीज को नुकसान पहुंचता है।
युद्ध के हालात में यह दुश्मन की पहली पंक्ति को ही कमजोर कर सकता है।
क्यों जरूरी है ऐसे स्वदेशी ड्रोन?
Indian Defence: भारतीय सेना अब स्वदेशी ड्रोन टेक्नोलॉजी पर ज्यादा भरोसा कर रही है।
रुद्रास्त्र जैसे ड्रोन न केवल दुश्मन की जमीनी ताकत की जानकारी जुटाने में मदद करते हैं, बल्कि मिशन को अंजाम भी दे सकते हैं।
हाल ही में पाकिस्तान के साथ हुई झड़पों में ड्रोन की भूमिका बढ़ती दिखी है, ऐसे में भारत भी अपनी ड्रोन क्षमता को मजबूत करने में जुटा है।
सेना की जरूरतों के हिसाब से होगा अपग्रेड
Indian Defence: रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेना ने रुद्रास्त्र को तैयार करने वाली कंपनी को बुलाया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह ड्रोन सेना की जरूरतों के मुताबिक काम कर सके।
इसमें टेक्नोलॉजी से लेकर पेलोड और रेंज तक कई पहलुओं की जांच की जा रही है।
स्वदेशी और आयातित विकल्प, भारत के पास कई ड्रोन
Indian Defence: भारत के पास कई शक्तिशाली ड्रोन हैं। कुछ देश में बने हैं तो कुछ आयात किए गए हैं।
स्वदेशी ड्रोन में भारत के पास रुस्तम, रुस्तम-2, गगन, निशांत जैसे ड्रोन शामिल है। वहीँ आयातित ड्रोन्स में हेरॉन और हर्मीस-900 (इजराइल) जैसे ड्रोन शामिल है।
हेरॉन ड्रोन को सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मिशनों में भी इस्तेमाल किया जाता है। रुद्रास्त्र के जुड़ने से यह शक्ति और ज्यादा आक्रामक होगी।
आतंकवाद और सीमावर्ती इलाकों में बड़ी भूमिका
Indian Defence: रुद्रास्त्र जैसे ड्रोन खासकर आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों और बॉर्डर मिशनों में बेहद कारगर साबित हो सकते हैं।
ये न सिर्फ दुश्मन के मूवमेंट पर नजर रखेंगे, बल्कि बिना सैनिकों की जान जोखिम में डाले दुश्मन के ठिकानों को खत्म कर सकते हैं।