Monday, June 9, 2025

US: अमेरिका में एक बार फिर उठी अफरीदी की रिहाई की मांग, लादेन को मारने में था हाथ

US: अमेरिका में 9/11 हमलों के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को मार गिराने की कार्रवाई के पीछे एक पाकिस्तानी डॉक्टर की भूमिका अब एक बार फिर चर्चा में है।

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अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए को लादेन का पता लगाने में अहम मदद करने वाले डॉ. शकील अफरीदी को पाकिस्तान ने देशद्रोह और आतंकवादी संगठन को कथित फंडिंग के आरोप में जेल में डाल रखा है।

US: अफरीदी की रिहाई के लिए दबाव

अब अमेरिकी कांग्रेस सदस्य ब्रैड शेरमैन ने डॉ. अफरीदी की रिहाई की मांग कर इस पुरानी आग को फिर से हवा दे दी है। ब्रैड शेरमैन ने पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी से सीधे तौर पर अपील की है कि वे इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करें और अफरीदी की रिहाई के लिए दबाव बनाएं।

शेरमैन ने इसे 9/11 में मारे गए अमेरिकी नागरिकों के परिवारों के लिए “एक सार्थक कदम” बताया है। यह मांग अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में लंबे समय से मौजूद अविश्वास और खिंचाव की एक और कड़ी बन गई है।

यह अभियान सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए

डॉ. शकील अफरीदी पाकिस्तान के खैबर इलाके में सरकारी डॉक्टर थे। सीआईए ने उनसे संपर्क किया और उन्हें एक नकली हेपेटाइटिस-बी टीकाकरण अभियान चलाने को कहा गया। यह अभियान सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि जासूसी के मकसद से शुरू किया गया था।

ओसामा बिन लादेन के छिपे होने का शक

अफरीदी का असली काम एबटाबाद के उस इलाके से डीएनए नमूने इकट्ठा करना था, जहां पर ओसामा बिन लादेन के छिपे होने का शक था। रिपोर्टों के अनुसार, अफरीदी ने अप्रैल 2011 में लादेन के निवास पर पहुंचने की कोशिश की, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे उसके रिश्तेदारों से डीएनए प्राप्त करने में सफल हुए या नहीं।

मोस्ट वांटेड आतंकी

हालांकि, डॉ. अफरीदी की इस भूमिका ने सीआईए को बिन लादेन के ठिकाने की पुष्टि करने में मदद की। इसके बाद 2 मई 2011 को अमेरिकी नेवी सील्स की एक गुप्त कार्रवाई में लादेन को एबटाबाद में मार गिराया गया।

इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर शर्मिंदगी में डाल दिया क्योंकि एक मोस्ट वांटेड आतंकी उसकी सरजमीं पर सालों से बिना पकड़ में आए छिपा हुआ था।

अफरीदी पर देशद्रोह का आरोप

डॉ. अफरीदी को इस पूरे मामले के बीस दिन बाद, 23 मई 2011 को गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर शुरुआत में देशद्रोह का आरोप लगाया गया लेकिन 2012 में उन्हें एक अलग मामले में लश्कर-ए-इस्लाम नामक आतंकी संगठन को फंडिंग के आरोप में दोषी ठहराया गया।

आतंक के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका की मदद

अदालत ने उन्हें 33 साल की जेल की सजा सुनाई जिसे बाद में घटाकर 23 साल कर दिया गया। अमेरिका लगातार इस बात को उठाता रहा है कि एक व्यक्ति जिसने आतंक के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका की मदद की।

उसे पाकिस्तान ने सजा दे दी। जबकि पाकिस्तान का रुख हमेशा यही रहा है कि अफरीदी का केस एक आंतरिक मामला है और वह पाकिस्तान की कानून प्रक्रिया के तहत ही निपटाया जाएगा।

यह भी पढ़ें: California: पूरा कैलिफोर्निया दंगों की आग में झुलसा, अमेरिकी केन्द्र और राज्य में ठनी

Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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