Bengaluru Stampede: बेंगलुरु में 4 जून को RCB की विक्ट्री परेड के दौरान मची भगदड़ ने 11 जिंदगियां छीन लीं और 75 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
अब इस दर्दनाक हादसे को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है, जिसने राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Bengaluru Stampede: DCP ने पहले ही दी थी चेतावनी, सरकार ने किया नजरअंदाज
Bengaluru Stampede: टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु के DCP एमएन करिबासवना गौड़ा ने राज्य सरकार को 4 जून से पहले एक लेटर लिखा था।
इस पत्र में उन्होंने स्पष्ट किया था कि अगर एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में RCB की विक्ट्री सेरेमनी होती है, तो लाखों फैंस एकत्र हो सकते हैं और पुलिस के पास पर्याप्त बल नहीं है जिससे स्थिति को संभाला जा सके।
इस चेतावनी के बावजूद सरकार ने न सिर्फ इजाजत दी, बल्कि पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित नहीं की गई। यही लापरवाही 11 लोगों की मौत का कारण बन गई।
हाईकोर्ट ने सरकार से पूछे 9 तीखे सवाल
Bengaluru Stampede: कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस घटना को लेकर स्वतः संज्ञान लेते हुए सरकार से 9 महत्वपूर्ण सवाल पूछे हैं। अदालत ने जानना चाहा है कि:
RCB को परेड की अनुमति किसने दी?
यह फैसला कब और कैसे लिया गया?
क्या सभी जरूरी प्रशासनिक मंजूरियाँ ली गई थीं?
Bengaluru Stampede: इन सभी सवालों का जवाब सरकार को 10 जून तक अदालत में देना है।
हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस वी. कामेश्वर राव और जस्टिस सी.एम. जोशी की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है।
RCB और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के चार अधिकारी गिरफ्तार
Bengaluru Stampede: पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए RCB के मार्केटिंग हेड निखिल सोसाले समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
इन सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
आरोप है कि निखिल ने सोशल मीडिया पर फ्री पास को लेकर पोस्ट किए थे, जिससे भीड़ को और भड़काया गया।
पुलिस ने RCB के साथ काम कर रही DNA एंटरटेनमेंट नामक इवेंट कंपनी के तीन अन्य अधिकारियों- किरण, सुमंथ और सुनील मैथ्यू को भी गिरफ्तार किया है।
KSCA के सचिव और कोषाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा
Bengaluru Stampede: कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के सचिव ए. शंकर और कोषाध्यक्ष ई. एस. जयराम ने घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।
दोनों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि उनकी भूमिका सीमित थी, लेकिन जो कुछ हुआ वह अस्वीकार्य है।
RCB सेलिब्रेशन में शामिल हुए थे 3 लाख से ज्यादा फैन
Bengaluru Stampede: बताया जा रहा है कि RCB के सेलिब्रेशन में करीब 3 लाख से ज्यादा लोग एकत्र हो गए थे।
एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के अंदर जाने के लिए लोग दीवारें फांदने लगे, जिससे भगदड़ मची।
हादसे के बाद का दृश्य दिल दहला देने वाला था। लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए और कई घायल हो गए।
बेटे की कब्र से लिपट कर रोया पिता
Bengaluru Stampede: इस हादसे में 21 वर्षीय भौमिक लक्ष्मण की मौत हो गई। वह हसन जिले का निवासी था और इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष का छात्र था।
उसका एक वीडियो सामने आया है जिसमें उसके पिता बीटी लक्ष्मण बेटे की कब्र से लिपटकर कह रहे हैं। “मैंने उसके लिए जो ज़मीन खरीदी, वहीं उसे दफना दिया। अब मुझे कहीं और नहीं जाना। मैं भी यहीं रहूंगा।”
सरकारी कार्रवाई और तबादले
Bengaluru Stampede: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने राजनीतिक सचिव के. गोविंदराज को पद से हटा दिया है।
साथ ही, बेंगलुरु के ADGP इंटेलिजेंस हेमंत एम. निंबालकर का भी ट्रांसफर कर दिया गया है। उनकी जगह अब रवि एस. ने कार्यभार संभाला है।
KSCA ने जिम्मेदारी टाली
Bengaluru Stampede: KSCA ने हाईकोर्ट में यह दलील दी कि स्टेडियम के बाहर की भीड़ को संभालना उनकी जिम्मेदारी नहीं थी।
भीड़ को नियंत्रित करने का कार्य RCB और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को सौंपा गया था।
कोर्ट ने फिलहाल KSCA के अधिकारियों को 16 जून तक गिरफ्तारी से राहत दी है।
जश्न में हुई लापरवाही, सवालों के घेरे में पूरी व्यवस्था
Bengaluru Stampede: RCB की जीत का जश्न एक मातम में बदल गया। पहले से चेतावनी के बावजूद प्रशासनिक लापरवाही ने 11 मासूम जानें ले लीं।
अब इस हादसे की नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी तय करना जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा ना हो।