Ukraine Russia war: यूक्रेन ने हाल ही में रूस पर एक ऐसा जबरदस्त ड्रोन हमला किया है जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है। यह हमला सामान्य नहीं था, बल्कि युद्ध के इतिहास में तकनीकी क्रांति जैसा कदम माना जा रहा है।
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Ukraine Russia war: चार हजार किमी तक निशाना
यूक्रेनी ड्रोन हमले में 4000 किलोमीटर दूर तक स्थित रूसी टारगेट्स को बेहद सटीक तरीके से निशाना बनाया गया। खास बात यह रही कि इन ड्रोन में एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जिससे ये खुद ही टारगेट खोजकर हमला करने में सक्षम थे।
कैसे हुआ हमला?
यूक्रेन ने इन ड्रोन को ट्रकों में छिपाकर तस्करी के जरिए रूसी क्षेत्र में पहुंचाया। वहाँ पहुँचने के बाद स्पाइडर वेब तकनीक के ज़रिए ये ड्रोन एक साथ कई टारगेट्स पर टूट पड़े।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इन हमलों में करीब 150 ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, जिनमें से प्रत्येक की लागत केवल हजार डॉलर के करीब थी। इन ड्रोन ने रूस के कई एटमी बॉम्बर विमानों को निशाना बनाकर भारी नुकसान पहुँचाया।
एआई टेक्नोलॉजी का पहली बार ऐसा प्रयोग
यूक्रेन के डिजिटल परिवर्तन मंत्री मिखाइलो फेडोरोव ने पुष्टि की है कि इस हमले में ‘मदर ड्रोन सिस्टम’ का पहली बार युद्ध में इस्तेमाल किया गया। इस सिस्टम में बड़ा ड्रोन छोटे-छोटे ड्रोन को दुश्मन के इलाके में छोड़ता है।
ये छोटे ड्रोन ‘फर्स्ट पर्सन व्यू स्ट्राइक’ तकनीक से लैस होते हैं और खुद से लक्ष्य की पहचान कर हमला करते हैं। इनमें कैमरे, लिडार और नेविगेशन सिस्टम लगे होते हैं, जिससे इन्हें न तो GPS की जरूरत होती है और न ही इंसानी मदद की।
हमले की तुलना ट्रोजन वॉर से
इस हमले की तुलना ट्रोजन वॉर से की जा रही है, जिसमें ग्रीस ने लकड़ी के घोड़े में सैनिक छिपाकर ट्राय शहर पर हमला किया था। उसी तरह, यूक्रेन ने अपने ड्रोन को लकड़ी के बक्सों में छिपाकर रूस के अंदर पहुंचाया और वहाँ से हमला किया।
ड्रोन हमले के बाद की राजनीतिक हलचल
इस हमले के तुरंत बाद तुर्किये के इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता हुई। वार्ता में दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि युद्ध में मारे गए 6000 सैनिकों के शवों की अदला-बदली की जाएगी।
इससे पहले दोनों पक्षों ने 1000 बंदियों की अदला-बदली की थी। हालांकि, युद्धविराम (सीजफायर) पर कोई सहमति नहीं बन पाई। रूस ने एक बार फिर मांग रखी कि यूक्रेन उसके कब्जे वाले इलाकों से हट जाए।
पर्ल हार्बर जैसा झटका
यूक्रेन के इस हमले से रूस को जो नुकसान हुआ है, उसकी तुलना अमेरिका के पर्ल हार्बर हमले से की जा रही है। बताया गया है कि रूस के करीब 7 अरब डॉलर के सैन्य विमान इस हमले में तबाह हो गए। यह झटका इतना बड़ा है कि पहली बार रूस की सेना रक्षात्मक मुद्रा में आ गई है।
युद्ध के नए नियम और दुनिया की चिंता
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि यह ऑपरेशन ऐतिहासिक है और भविष्य में युद्ध की परिभाषा को बदलेगा। उन्होंने कहा कि इसकी योजना 18 महीने पहले शुरू हुई थी और इसमें शामिल सभी लोग हमले से पहले सुरक्षित रूप से रूस छोड़ चुके थे।
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