Operation Sindoor: नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे। यह संबोधन ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव अपने चरम पर है और “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत भारत द्वारा पीओके और पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों को सफलतापूर्वक तबाह किया गया है।
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पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ ऑपरेशन सिंदूर
Operation Sindoor: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस हमले में कुल 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें 25 टूरिस्ट थे जो बैसरन घाटी घूमने गए थे। इस हमले के तुरंत बाद भारत सरकार ने जवाबी कार्रवाई करते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” लॉन्च किया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) और पाकिस्तान के अंदर मौजूद 9 आतंकी अड्डों को नष्ट कर दिया।
पाकिस्तानी सेना ने ली जिम्मेदारी, भारत ने दिया करारा जवाब
Operation Sindoor: भारतीय सेना के मुताबिक इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान की सेना ने अप्रत्यक्ष रूप से ली और इसके बाद भारत के सैन्य ठिकानों और आम नागरिकों को निशाना बनाने की कोशिश की गई। जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत ज़मीनी, हवाई और नौसैनिक स्तर पर कार्रवाई करते हुए आतंकवाद को करारा संदेश दिया। इस पूरे अभियान के दौरान प्रधानमंत्री मोदी लगातार राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र के संपर्क में रहे और एक के बाद एक उच्चस्तरीय बैठकों का नेतृत्व किया।
सऊदी दौरे से लौट तुरंत संभाली कमान
Operation Sindoor: जब यह हमला हुआ, उस समय पीएम मोदी सऊदी अरब की आधिकारिक यात्रा पर थे। हमले की जानकारी मिलते ही उन्होंने अपना दौरा बीच में छोड़ भारत लौटने का फैसला लिया। देश वापसी के बाद पीएम ने लगातार सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठकें कीं और ऑपरेशन सिंदूर की हर रणनीति पर नजर रखी।
डीजीएमओ स्तर की बातचीत से पहले हाई-लेवल मीटिंग
Operation Sindoor: आज दिन में प्रधानमंत्री मोदी ने डीजीएमओ स्तर की प्रस्तावित भारत-पाक बातचीत से पहले एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल रहे। बैठक में ऑपरेशन सिंदूर की समीक्षा और आगे की रणनीति पर चर्चा की गई।
रात 8 बजे से देश को करेंगे संबोधित
Operation Sindoor: अब प्रधानमंत्री मोदी रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे, जिसमें वे ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी जानकारी साझा कर सकते हैं। यह संबोधन सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीतिक स्थिति और आत्मनिर्भर रक्षा नीति का भी संकेत माना जा रहा है।