Canada में पढ़ने वाले छात्रों और भारतीय नागरिकों के लिए अचानक से मुसीबते खड़ी हो गई है और वो सड़कों पर विरोद्ध प्रदर्शन करते हुए नजर आ रहे है। इसकी वजह इमिग्रेशन पॉलिसी में बदलाव बताया जा रहा है। कनाडा के प्रांत प्रिंस एडवर्ड आइलैंड में सैकड़ों भारतीय छात्र विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं, क्योंकि इमिग्रेशन परमिट में 25 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की गई है, अचानक नियमों में बदलाव के बाद भारतीय छात्रों को जबरन भारत भेजा जा रहा है, जिसका भारतीय छात्र विरोध भी कर रहे हैं।
भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़
छात्रों का कहना है कि अचानक से नियम बदलकर हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। वहीं एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि प्रिंस एडवर्ड आइलैंड में अचानक से प्रवासियों की संख्या बढ़ी है, जिससे यहां की कई व्यवस्थाएं चौपट हो गई हैं, इसकी वजह से सरकार ने ऐसा फैसला किया है। साथ ही यहां भीड़ ज्यादा होने से स्वास्थ्य और आवासीय सेवाओं पर ज्यादा दबाव पड़ रहा है। इसलिए सरकार ने यह फैसला किया है।
भारत के छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा
वहीं लेबर डिपार्टमेंट के एक आंकडे में बताया गया है कि साल के शुरूआती 4 महिने में देश की वर्किंग एज पॉपुलेशन की संख्या 411,400 रही है, जो पिछले साल के इसी टाइम पीरियड की तुलना में 47 प्रतिशत ज्यादा है। अगर 2007 से 2022 से तुलना करें, तो यह 4 गुना है। इसलिए यह इंटरनेशनल स्टूडेंट के लिए एक केंद्र बना हुआ है। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में भारत के छात्रों की संख्या सबसे बड़ी है, जो नवंबर 2023 तक जारी किए गए 579,075 परमिटों में से 37% हैं।
हालांकि यह आंकड़ा 2022 के 41% से कम है। इसको लेकर सरकार ने नियमों में बदलाव किया है। जिसके बाद से वहां रहने वाले लोग सड़कों पर उतर आए हैं। बता दें कि सरकार का कहना है कि कनाडा में रहने वाले व्यक्ति के बच्चे का जन्म अगर दूसरे देश में भी होता है तो उसे कनाडा की नागरिकता दी जाएगी।