Friday, April 18, 2025

Budget Session 2025: संसद में पारित कुल 16 विधेयक, वक्फ और आपदा प्रबंधन से लेकर बैंकिंग सुधार तक कई अहम कानूनों को मिली मंजूरी

Budget Session 2025: संसद का बजट सत्र 2025, जो 31 मार्च से पहले समाप्त हुआ, में कई अहम विधेयकों को पारित किया गया। यह सत्र 31 बैठक दिनों तक चला और दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा – की कार्य उत्पादकता क्रमशः 118% और 119% रही। इस दौरान कुल 16 विधेयकों को पारित या लौटाया गया, जिनमें कई महत्वपूर्ण कानून शामिल हैं।

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राष्ट्रपति का अभिभाषण और धन्यवाद प्रस्ताव

Budget Session 2025: सत्र की शुरुआत 11 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण से हुई, जिसे संविधान के अनुच्छेद 87(1) के तहत दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में प्रस्तुत किया गया। इसके जवाब में लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव रामवीर सिंह बिधूड़ी ने पेश किया और रविशंकर प्रसाद ने समर्थन किया। यह चर्चा 17 घंटे 23 मिनट चली। राज्यसभा में यह प्रस्ताव किरण चौधरी और नजमा शेख द्वारा प्रस्तुत किया गया, जो 2 घंटे 46 मिनट तक चला।

बजट प्रस्तुति और चर्चा

Budget Session 2025: केंद्रीय बजट 2025-26 को 1 फरवरी को संसद में पेश किया गया। बजट पर लोकसभा में 16 घंटे 13 मिनट और राज्यसभा में 6 घंटे 56 मिनट तक चर्चा चली। विभिन्न मंत्रालयों के अनुदान मांगों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।

महत्वपूर्ण विधेयकों की सूची

Budget Session 2025: बजट सत्र 2025 के दौरान जिन 16 विधेयकों को पारित किया गया, वे इस प्रकार हैं:

  1. वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025
    – वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को आधुनिक, पारदर्शी और वैज्ञानिक बनाने के लिए।
  2. आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2025
    – राज्य और राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरणों की भूमिका को स्पष्ट व सशक्त करने हेतु।
  3. त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2025
    – सहकारी क्षेत्र में उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए।
  4. आव्रजन और विदेशियों विधेयक, 2025
    – विदेशों से भारत आने-जाने वाले नागरिकों के लिए पासपोर्ट, वीजा, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल करने हेतु।
  5. बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2025
    – सार्वजनिक बैंकों में गवर्नेंस, रिपोर्टिंग, ऑडिट व उपभोक्ता सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए।
  6. वित्त विधेयक, 2025
    – बजटीय प्रस्तावों को लागू करने के लिए आवश्यक विधेयक।
  7. संघ के लिए विनियोग विधेयक, 2025-26
    – केंद्रीय मंत्रालयों के लिए बजट से संबंधित अनुदान को मंजूरी।
  8. मणिपुर के लिए विनियोग विधेयक (2024-25)
    – राज्य मणिपुर के लिए बजटीय प्रावधान।
  9. 2021-22 के लिए अधिक व्यय विनियोग विधेयक
    – उस वर्ष के अतिरिक्त खर्चों की स्वीकृति।
  10. 2024-25 की अंतिम पूरक अनुदान मांगों का विनियोग विधेयक
    – वर्ष के अंत में बढ़े हुए खर्चों के लिए धन आवंटन।
  11. मणिपुर के लिए 2025-26 की अनुदान मांगों पर विनियोग विधेयक
    – नए वित्तीय वर्ष के लिए आंशिक बजट प्रावधान।
  12. राष्ट्रपति शासन पर संवैधानिक संकल्प (मणिपुर – अनुच्छेद 356)
    – मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा की संसद द्वारा पुष्टि।
  13. शिक्षा मंत्रालय पर कार्य चर्चा विधेयक
    – राष्ट्रीय शिक्षा नीति से संबंधित चर्चाओं पर संसद की स्वीकृति।
  14. रेल मंत्रालय चर्चा विधेयक
    – रेलवे से जुड़े सुधारों, खर्चों और सेवाओं की समीक्षा।
  15. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय विधेयक
    – हेल्थ सेक्टर में सुधार और योजना संबंधी आवंटनों की संसद से पुष्टि।
  16. गृह मंत्रालय और आंतरिक सुरक्षा पर चर्चा विधेयक
    – आंतरिक सुरक्षा, राज्य मामलों और गृह मंत्रालय के बजटीय मुद्दों पर संसद की चर्चा।

वित्तीय कार्य समय पर निपटाए गए

Budget Session 2025: लोकसभा ने 21 मार्च को सभी अनुदान मांगों पर मतदान कर लिया और संबंधित विनियोग विधेयक भी पारित किया गया। 25 मार्च को वित्त विधेयक 2025 पारित हुआ, जिसे राज्यसभा ने 27 मार्च को लौटा दिया। इसके साथ ही संसद ने 31 मार्च से पहले वित्तीय कार्य समय पर पूरे कर लिए।

मणिपुर पर राष्ट्रपति शासन की स्वीकृति

Budget Session 2025: मणिपुर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए 13 फरवरी को जारी अनुच्छेद 356(1) के तहत राष्ट्रपति की उद्घोषणा को संसद के दोनों सदनों ने 3 और 4 अप्रैल को पारित किया।

manipur  Budget Session 2025:

राज्यसभा में मंत्रालयों पर चर्चा

Budget Session 2025: राज्यसभा में शिक्षा, रेल, स्वास्थ्य और गृह मंत्रालयों के कार्य पर विस्तार से चर्चा हुई। वित्त विधेयक और विनियोग विधेयक को राज्यसभा ने 27 मार्च को वापस किया, जिससे वित्तीय कार्य 31 मार्च से पहले ही पूर्ण हो गया

कुल विधेयक और उत्पादकता

Budget Session 2025: बजट सत्र के दौरान कुल 11 विधेयक (10 लोकसभा में और 1 राज्यसभा में) पेश किए गए। लोकसभा ने 16 विधेयकों को पारित किया जबकि राज्यसभा ने 14 विधेयकों को पारित/वापस किया। दोनों सदनों द्वारा पारित कुल विधेयकों की संख्या 16 रही। लोकसभा की उत्पादकता लगभग 118% और राज्यसभा की 119% रही।

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