Wednesday, March 12, 2025

Sambhal: कौन हैं संभल के सीओ अनुज चौधरी जिनकी सीएम योगी ने की तारीफ

Sambhal: संभल से सीओ अनुज चौधरी सुर्खियों में बने रहते हैं। अब एक बार फिर वो चर्चा में हैं क्यूंकि सीएम योगी ने एक वार्ता की दौरान उनके दिए बयान का जिक्र किया और उनका बचाव भी किया। आइए समझते हैं पूरा मामला।

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Sambhal: उत्तर प्रदेश में संभल के पुलिस अधिकारी सीओ अनुज चौधरी के होली के त्योहार और जुम्मे की नमाज को लेकर हुई शांति समिति की बैठक में कहा कि “जिनको लगता है कि रंग लगने से उनका धर्म भ्रष्ट हो रहा है, वो उस दिन घर से न निकलें।” उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर नयी बहस छेड़ दी है। जहां विपक्षी दाल कांग्रेस एवं सपा ने उन्हें उनके इस बयान के लिए निशाना बनाना शुरू कर दिया है तो वहीं राज्य के मुख्यमंत्री योगी ने उन्हें उनके इस बयान पर समर्थन दिया है।

सीएम योगी ने क्या कहा

Sambhal: सीएम योगी ने कहा कि, एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करें। स्वाभाविक रूप से जुम्मे की नमाज हर हफ्ते होती है लेकिन होली साल में एक बार आती है तो यही कहा गया। अनुज ने इस ही बात को प्यार से समझाया था।

उन्होनें कहा कि अगर किसी व्यक्ति को इस दिन नमाण पढ़नी है तो वो घर में भी पढ़ सकता है। सीएम योगी ने ये भी कहा कि “जाना है तो फिर रंग से परहेज न करें, अब हमारा पुलिस अधिकारी पहलवान रहा है, अर्जुन अवार्ड से सम्मानित है, ओलिंपियन रह चुका है। अब उनकी बात किसी को बुरी लगे तो लगे लेकिन ये सच्चाई है जिसे स्वीकार किया जाना चाहिए।

सीओ अनुज कि किस बयान पर सीएम योगी ने किया बचाव

Sambhal: सीएम योगी का ये रिएक्शन अनुज चौधरी के होली और जुमे की नमाज को लेकर हुई शांति समिति की बैठक में दिए गए एक बयान पर आया जिसमें उन्होनें कहा था कि, “होली का रंग लग जाने से जिसका धर्म भ्रष्ट हो रहा है, वो उस दिन घर से ना निकले, अगर आप अपने धर्म की इज्जत करते हो तो दूसरे के धर्म को भी महत्व दो और उसका सम्मान करो। जब आदमी ये चीज़ सोच लेगा तो उसके अंदर कोई चीज़ नहीं रहेगी, और तब समझ आएगा कि अल्लाह भी वही है और भगवान भी। उन्होनें ये बात कहते हुए चेतावनी दी है कि “अब प्रशासन किसी तरह का कोई उपद्रव बर्दाश्त नहीं करेगा, फिर चाहे वो किसी भी पक्ष से हो।

विपक्ष ने अनुज चौधरी के बयान की आलोचना की

Sambhal: अनुज चौधरी के इस बयान पर विपक्ष ने उन पर खूब निशाना साधा है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों ने अनुज चौधरी के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि जब संभल में हिंसा हुई तब यही वहां का कार्यभार संभल रहे थे तो इनसे उम्मीद ही क्या की जा सकती है, उन्होनें कहा कि जब कभी व्यवस्था बदलेगी तो ऐसे लोग तो जेल में बंद होंगे।

सीओ अनुज चौधरी कौन है

Sambhal: सीओ अनुज चौधरी का जन्म उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के बढ़ेड़ी गाँव में हुआ। उनके निजी जीवन के बारे में ज्यादा जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं है, लेकिन उनको कुश्ती का शौक उनके दादा और पिता से विरासत में मिला है।

अनुज चौधरी के बेबाक और दो-टूक अंदाज की झलक बार-बार देखने को मिलती रही है। वो अक्सर अपनी स्पष्ट राय और हिंदू धर्म के प्रति आस्था को खुलकर जाहिर करते रहे हैं। जब 2024 की हिंसा में पुलिस पर गोली चलाने के आरोप लगे थे, तब उन्होंने बेझिझक कहा था, “एक पढ़े-लिखे आदमी को इस तरह के जाहिल मार देंगे। हम पुलिस में मरने के लिए थोड़े ही भर्ती हुए हैं!”

इसके बाद, संभल में 46 साल बाद एक शिव मंदिर खोला गया, और उस मौके पर सीओ अनुज खुद शिवलिंग की सफाई करते नजर आए। इसके कुछ समय बाद, जब मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई, तो वो पुलिस वर्दी में गदा लेकर सबसे आगे चलते दिखे, जिससे वो एक बार फिर सुर्खियों में आ गए।

लेकिन अनुज चौधरी सिर्फ एक पुलिस अधिकारी ही नहीं, बल्कि भारत के दिग्गज पहलवान भी रह चुके हैं। एशियाई और ओलंपिक स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने की साथ ही अनुज चौधरी ने एशियाई चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक और कॉमनवेल्थ गेम्स में दो रजत पदक अपने नाम किए हैं। उनकी गिनती भारत के बेहतरीन कुश्ती चैंपियनों में होती है, जिसके चलते उन्हें अर्जुन पुरस्कार भी मिला।

खेल कोटे से पुलिस में भर्ती हुए अनुज चौधरी की छवि एक सख्त और बेबाक अफसर की रही है।रामपुर में तैनाती के दौरान उनका आजम खान से भी विवाद हुआ, जब उन्होंने साफ कहा था, “अर्जुन अवार्ड किसी के एहसान से नहीं मिलता!”

 सोशल मीडिया पर भी अनुज चौधरी खासी लोकप्रियता रखते हैं, उनके इंस्टाग्राम पर 3.1 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हैं। लेकिन उनकी बेबाकी और हिंदुत्व समर्थक छवि के चलते वो लगातार चर्चा और विवादों का हिस्सा बने रहते हैं।

वह अपनी रील्स और वीडियोज शेयर करते रहते हैं। लेकिन इस बार उनके बयान को लेकर सोशल मीडिया दो धड़ों में बंट गया है। कुछ लोग इसे सत्य की आवाज बता रहे हैं, तो कुछ इसे भड़काऊ बयान मान रहे हैं।

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