Thursday, January 30, 2025

Waqf Bill: वक्‍फ बिल पर जेपीसी में BJP की बड़ी जीत, सत्‍ता पक्ष के सभी संशोधन पास, जानें बिल का पूरा मसौदा?

Waqf Bill: वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने सोमवार (27 जनवरी, 2025) को भाजपा और एनडीए के सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया। इस दौरान विपक्ष द्वारा पेश किए गए हर बदलाव को ठुकरा दिया गया। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बैठक के बाद संवाददाताओं को इस की जानकारी देते हुए बताया कि समिति द्वारा अपनाए गए संशोधन कानून को बेहतर और अधिक प्रभावी बनाएंगे। वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 पर संसदीय पैनल के सदस्यों ने मसौदा कानून में 572 संशोधनों का सुझाव दिया। बड़ी बात यह है कि नए बिल में सत्‍ता पक्ष के सभी संशोधन पास कर दिए गए। बोर्ड में 2 गैर-मुस्लिमों को भी जगह मिलेगी।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

Waqf Bill: विपक्षी सांसदों ने की कार्यवाही निंदा

वहीं विपक्षी सांसदों ने कार्यवाही की निंदा करते हुए जगदंबिका पाल पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नष्ट करने का आरोप लगाया। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि यह एक हास्यास्पद प्रैक्टिस थी। हमारी बात नहीं सुनी गई। जेपीसी की अध्‍यक्षता कर रहे जगदंबिका पाल ने तानाशाही तरीके से काम किया है। उधर, जगदंबिका पाल का कहना है कि पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी और बहुमत से फैसला आया है। बैठक से पहले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने एनडीए सांसदों के साथ बैठक की थी और सबको एकजुट रहने की सलाह दी थी।

जानें बिल में किन-किन बदलावों को मिली मंजूरी?

-बिल में कुल 14 में से 11 परिवर्तन सत्तारूढ़ BJP के सदस्यों द्वारा प्रस्तावित किए गए थे, जिनमें लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या और अपराजिता सारंगी शामिल थे।

-बिल में पहले प्रावधान था कि राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में 2 गैर मुस्लिम सदस्य अनिवार्य होंगे। इसमें बदलाव किया गया है। अब पदेन सदस्यों को इससे अलग कर दिया गया है। यानी वक्फ परिषदें, चाहे राज्य स्तर पर हों या अखिल भारतीय स्तर पर हों… कम से कम 2 गैर-मुस्लिम सदस्यों को बोर्ड में शामिल कर सकेंगे।

-कोई संपत्ति वक्फ है या नहीं… इसका फैसला राज्य सरकार की ओर से नामित अधिकारी करेगा। मूल मसौदे में यह निर्णय जिला कलेक्टर पर छोड़ा गया था।

-एक और अन्य संशोधन के अनुसार कानून पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं होगा। शर्त ये है कि वक्फ संपत्ति रजिस्टर्ड हो यानी जो वक्फ संपत्तियां रजिस्टर्ड है उन पर असर नही पड़ेगा। हालांकि, जो पहले से रजिस्टर्ड नहीं है उनके फैसले भविष्य में तय मानकों के अनुरूप होगा।

-जमीन दान करने की इच्छा रखने वाले किसी भी व्यक्ति को यह दिखाना या प्रदर्शित करना होगा कि वह कम से कम पांच वर्षों से इस्लाम का पालन कर रहा है और यह भी स्वीकार करना होगा कि ऐसी संपत्ति के समर्पण में कोई साजिश शामिल नहीं है।

यह भी पढ़े : Budget 2025 Expectations: इस बार बढ़ाया जा सकता है डिफेंस बजट, ऑटोमोबाइल इंड्रस्टी को भी उम्मीद

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest article