Factionalism in Rajasthan Congress: राजस्थान में कांग्रेस के अंदर अशोक गहलोत और सचिन पायलट की तलखी सालों बाद भी खत्म नहीं हो रही। इस बात का पता गहलोत और पायलट की दूरियों से समझ आ रही है। गहलोत और पायलट एक साथ शायद ही किसी बैठक में देखे गए हों।
वहीं सचिन पायलट को लेकर फिर से बवाल होने की सुगबुगहाट इस बात से समझी जा रही है कि सोमवार (16 दिसंबर) को कांग्रेस वॉर रूम में हुए इतनी बड़ी बैठक से सचिन पायलट नदारद थे। इतना ही नहीं एक पोस्टर में जहां गोविंद सिंह डोटासरा थे, आलाकमान पदाधिकारियों की फोटो थी और अशोक गहलोत-टीकाराम जूली भी थे, लेकिन सचिन पायलट की फोटो पोस्टर में नहीं दिखी। जिससे अब सचिन पायलट गुट में खासी नाराजगी है।
विभा माथुर की डोटासरा से नोंक झोंक
सचिन पायलट की फोटो पोस्टर में नहीं होने पर विभा माथुर ने इस पर एतराज जताया और सीधे प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से सवाल भी कर दिया। इस पर डोटासरा से विभा माथुर की तीखी नोंक झोंक भी हो गई। हालांकि डोटासरा ने जवाब में कहा कि यह प्रोटोकॉल के तहत फोटो लगी है। इस बात पर जब विभा ने आपत्ति जताई तो डोटासरा ने कहा आप बैठ जाएं आपसे बात नहीं हो रही है। तब विभा माथुर ने कहा कि उनकी चार पीढ़ियां कांग्रेस से जुड़ी है, आप इस तरह से बात नहीं कर सकते हैं। बता दें, विभा माथुर पूर्व सीएम स्वर्गीय शिवचरण माथुर की नातिन हैं और वर्तमान में विभा पीसीसी के सचिव पद पर हैं।
बैठक से सचिन पायलट की दूरी के मायने क्या?
कांग्रेस प्रदेश में राजनीति को लेकर मास्टर प्लान तैयार कर रही है। सरकार को घेरने और आगामी संगठन के काम को लेकर फैसला लिया जा रहा है। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, अशोक गहलोत और प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली के साथ अन्य बड़े नेता शामिल हुए थे, लेकिन सचिन पायलट इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया। अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर जिस दिग्गज नेता की बात प्रदेश की राजनीति के लिए होती है और खुद सचिन पायलट प्रदेश की राजनीति को समर्पित करते हैं, तो कांग्रेस के इतने बड़े बैठक से वह क्यों गायब थे?
उपचुनाव में जीती सीट मिली पायलट के कारण
सचिन पायलट को लेकर यह सवाल न केवल जनताओं में है बल्कि उनके समर्थकों और उनके गुट के नेताओं के पास है। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर पोस्ट किये जा रहे हैं। बता दें, कांग्रेस ने हाल ही में हुए उपचुनाव में केवल एक सीट पर जीत हासिल की है। वह सीट पर सचिन पायलट की वजह से उनके गढ़ दौसा में जीत हुई है। ऐसे में पोस्टर से उनकी फोटो का गायब होना और बैठक में उनका नदारद रहना बड़े सवाल खड़े कर रही है।