Uttar Pradesh Sambhal: उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित जामा मस्जिद हाल ही में विवाद का मुद्दा बन गयी। संभल के हिन्दू समुदाय का दावा है कि ये मस्जिद कभी श्री हरिहर मंदिर हुआ करती थी। इसको लेकर कोर्ट में याचिका दायर हुई जिसके बाद कोर्ट ने मस्जिद प्रॉपर्टी पर ASI सर्वे के आदेश दिए थे। इसके बाद यहां हिंसा भड़क गयी, जिसमें पुलिस पर विशेष समुदाय की भीड़ द्वारा पत्थरबाजी कर दी गयी।
ये स्थिति और बिगड़ जाती अगर पुलिस अधिकारी SP कृष्ण कुमार बिश्नोई मौके पर मौजूद न होते तो। जी हां, इन्होनें हाल ही में हुए मस्जिद विवाद में हीरो का काम किया है। उन्होंने न केवल संभल के हालातों को काबू किया, बल्कि लोगों से शांति बनाए रखने की अपील भी की। आइए जानते हैं कि कृष्ण कुमार बिश्नोई कौन हैं, और कैसे उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से अपनी पहचान बनाई।
यूपी के दबंग अफसरों में से एक है कृष्ण कुमार बिश्नोई
Uttar Pradesh Sambhal: कृष्ण कुमार बिश्नोई, जिन्हें लोग केके बिश्नोई के नाम से भी जानते हैं, 2018 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उत्तर प्रदेश के सबसे दबंग आईपीएस अफसरों में उनका नाम आता है। जब वो मेरठ में पोस्टेड थे, तो उन्होंने यूपी के सबसे खतरनाक अपराधियों में से एक बदन सिंह बद्दो की कोठी पर बुलडोज़र चलवाया था, जिस पर 5 लाख रुपये का इनाम था। खास बात तो इसमें ये है कि बुलडोज़र चलवाने के बाद उन्होंने मलबा तक नहीं उठाने दिया, ताकि लोगों को ये पता चल सके कि ये संपत्ति बदन सिंह बद्दो की अवैध थी। इसके बाद मुज़फ्फरनगर में उन्होंने कुख्यात अपराधी सुशील मूंछ को गिरफ्तार किया और गोरखपुर में माफियाओं की 800 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की।
30 लाख की नौकरी छोड़, देश की सेवा को चुना
लेकिन उनका सफर इतना आसान नहीं था। राजस्थान के छोटे से गांव से आने वाले केके बिश्नोई ने सरकारी स्कूल से 8वीं में जिले टॉप किया। फिर सीकर और जोधपुर में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली आकर सेंट स्टीफन कॉलेज से बीए किया। इसके बाद उनका सपना था विदेश में पढ़ाई करने का, और उन्हें फ्रांस सरकार से 40 लाख रुपये की स्कॉलरशिप मिली। पेरिस स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स से अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा में मास्टर डिग्री लेने के बाद उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के ट्रेड सेंटर में 30 लाख रुपये सालाना पैकेज वाली नौकरी भी की, लेकिन उन्होंने अपने देश लौटने का निर्णय लिया।
बिना कोचिंग के महज 24 साल की उम्र में UPSC किया क्रैक
इसके बाद, उन्होंने जेएनयू से एमफिल किया और विदेश मंत्रालय में काम किया, लेकिन उनका असली सपना आईपीएस अधिकारी बनने का था। बिना कोचिंग के यूपीएससी की तैयारी करने के बाद, उन्होंने महज 24 साल की उम्र में यूपीएससी क्रैक किया और आईपीएस अधिकारी बने।आज, कृष्ण कुमार बिश्नोई कि पहचान एक कर्तव्यनिष्ठ और बहादुर अधिकारी के रूप में है, जिन्होंने न केवल संभल बल्कि पूरी यूपी में अपनी धाक जमाई। आज यूपी में उनका भौकाल इतना है कि अच्छे-अच्छे नामिया गुंडे माफिया भी उनका नाम सुनते ही काँप उठते हैं।