हाल ही में दिल्ली की महिला मुख्यमंत्री आतिशी मर्लेना ने केंद्रीय सरकार से चुनाव कराने लिए 10,000 करोड़ रुपये मांगे हैं। लेकिन जब केजरीवाल सत्ता में आये था तब उन्होनें कहा था कि दिल्ली के पास फंड्स की कोई कमी नहीं है। दिल्ली की सरकार ऐसी इकलौती सरकार है जो मुनाफे में चलती है। अब ऐसे में सवाल ये है कि दिल्ली के वो सारे फंड्स आखिर गए कहाँ।
कभी अरविंद केजरीवाल ने बड़े गर्व से कहा था कि दिल्ली के पास पैसे की कोई कमी नहीं है, और यह देश का इकलौता शहर है जिसकी सरकार मुनाफे में चलती है। लेकिन आज उनकी पार्टी की मुख्यमंत्री आतिशी जी का कहना है कि दिल्ली सरकार के पास चुनाव कराने तक के लिए पैसा नहीं है और केंद्र सरकार से 10,000 करोड़ रुपये का लोन मांगना पड़ रहा है। तो आतिशी जी को अरविन्द केजरीवाल से पूछना चाहिए कि दिल्ली के फंड्स में जो पैसा था वो आखिर गया कहाँ? क्या सारा पैसा दिल्ली को मुफ्त रेवड़ियां देना में चला गया या उसमें से कुछ पैसा उन्होनें अपने शीशमहल और प्रचार-प्रसार में भी लगा दिया।
दिल्ली का विकास मुफ्त रेवड़ियों से नहीं काम करने से होगा
इस पर सोशल मीडिया users का कहना है कि ” केजरीवाल जी ने तो मुफ्त रेवड़ियां भी तो अच्छे से नहीं बांटी, वो ये भूल गए कि मुफ्त पानी और बिजली से जनता आपको वोट तो दे देगी लेकिन उससे दिल्ली की असली समस्याएं दूर नहीं होगी। ना तो दिल्ली का पानी आपकी मुफ्त की रेवड़ियों से साफ़ होगा, न ही सड़कों पैर रेवड़ियां फेंकने से बनेगी, और न ही आसमान में रेवड़ियां उछाल देने से दिल्ली का AQI उधरेगा। बारिश आते ही दिल्ली हर साल पानी में डूब जाती है। दिल्ली, देश की राजधानी है, और इसके विकास के लिए काम करना पड़ता है। और, उन्होनें तो बड़ी ताव में आकर दिल्ली के विकास की बात की थी”।
जनता के केजरीवाल से कुछ सवाल
कुछ यूजर्स ने केजरीवाल जी से दिल्ली के फंड्स का हिसाब मांगा है। यूजर्स ने लिखा कि ” केजरीवाल जी आप पहले दिल्ली के जो फंड्स हैं उसका हिसाब दीजिये, सरकार से लोन की बात बाद में करना। और अगर आपके पास कोई हिसाब नहीं है, तो फिर कैसे आपने दिल्ली में फिर से मुफ्त की रेवड़ियों का ऐलान कर दिया? क्या ये सब दिल्ली के वोट बैंक को रिझाने के लिए तो नहीं किया जा रहा? क्या आप केंद्र सरकार के पैसों से वोट कमाने का सोच रहे हैं? बताइये ये जानना जनता का हक है।”