Jammu & Kashmir: जम्मू कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के सत्ता में आने के साथ ही कश्मीरी पंडितों के लिए मुसीबतें खड़ी हो गई है। जेडीए ने कश्मीरी पंडितों की 25 दुकानों पर बिना नोटिस दिये बुलडोजर चला दिया है। जिसमें कुछ दुकानें पक्की थी और कुछ कच्ची। कश्मीरी पंडितों का कहना है कि जेडीए ने उन्हें सामान तक समेटने का मौका नहीं दिया। उनका कहना है कि वो 35 साल से उसी जगह पर दुकान लगा रहे है, तब सरकार को कोई समस्या नहीं थी लेकिन अब होने लगी है।
Jammu & Kashmir: महबूबा ने सरकार पर साधा निशाना
कश्मीरी पंडितों का घर तोड़ने के साथ ही सियासत तेज हो गई है। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कश्मीरी पंडितों पर हुई कार्रवाई को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। बीजेपी और अपनी पार्टी ने उमर सरकार को निशाना बनाया है। कश्मीरी पंडितों के साथ हुए इस घटनाक्रम ने एक बार फिर घाटी में उनके साथ हो रहे बर्ताव को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कश्मीरी पंडितों के लिए बनी मुसीबत
यह मुद्दा सिर्फ राजनीतिक विवाद का केंद्र नहीं है, बल्कि घाटी में कश्मीरी पंडितों के साथ हो रहे व्यवहार पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। पहले से ही विस्थापन और अत्याचार का सामना कर रहे कश्मीरी पंडित अब सरकार की इस कार्रवाई से और हताश हो गए हैं। कश्मीरी पंडितों के अधिकारों और सुरक्षा के लिए सरकार की जिम्मेदारी को लेकर आवाजें उठ रही हैं। इस तरह की घटनाएं उनके पुनर्वास और घाटी में स्थायी वापसी की प्रक्रिया को बाधित करती हैं। यह घटना एक बार फिर कश्मीरी पंडितों की चुनौतियों और उनके प्रति राजनीतिक रवैये को उजागर करती है।