Political Analysis: हरियाणा में बीजेपी ने तीसरी बार चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है। हरियाणा में बीजेपी के अबतक की सबसे बड़ी बहुमत से सत्ता में बरकरार रहना और भी ज्यादा खास इसलिए हो गया क्योंकि अगले हफ्ते महाराष्ट्र और झारखंड में भी विधानसभा के चुनाव घोषित होने के आसार हैं। हरियाणा में बीजेपी की जीत से उनको एक अच्छा बूस्टर मिला है। लेकिन महाराष्ट्र में उनके पास दो बड़ी चुनौतियां भी हैं। आइये जानते है वो चुनौतियां क्या है।
ये दो बड़ी चुनौती
भाजपा ने हरियाणा में लगातार तीसरी बार जीत हासिल कर इतिहास रचने के बाद अब महाराष्ट्र और झारखंड की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी का मानना है कि हरियाणा में मिली जीत से उसे एक बड़ा बूस्टर मिला है, जिसे वह महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावों तक ले जाना चाहती है। इस बार महाराष्ट्र में भाजपा के सामने दो सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। पहली गठबंधन के साथ सरकार बनाना और सीटों का बंटवारा करना, खासकर शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी के साथ। वही एक तरफ विपक्ष में कांग्रेस का गठबंधन भी भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी करेगा, जिसमें उद्धव ठाकरे और शरद पवार की क्षेत्रीय पार्टियां शामिल हैं।
क्या कहते हैं बीजेपी के चुनावी आंकलन
Political Analysis: 42 चुनावों के आंकलन से साफ है कि भाजपा का प्रदर्शन तब बेहतर होता है जब वो सीधे मुकाबले में होती है। लेकिन जब उसे गठबंधन के साथ चुनाव लड़ना पड़ता है, तो उसे ज्यादा दिक्कत आती है। इसका कारण यह है कि गठबंधन में सीटों के बंटवारे और रणनीति पर भाजपा को पूरी आजादी नहीं मिलती। अगर किसी सहयोगी दल का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहता, तो उसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ता है। अब देखना ये है कि गठबंधन के बाद भी भाजपा महाराष्ट्र और झारखंड में इस जीत दोहरा पाती है या नहीं।