Jannayak Janta Party: हरियाणा में जेजेपीने बीजेपी से गठबंधन तोड़ कर भीम पार्टी के चंद्रशेखर के साथ किया है। हरियाणा में बीजेपी की कमान संभालने वाले नायब सिंह सैनी को नया मुख्यमंत्री बना दिया है। जो जेजेपी पिछले विधानसभा चुनावों में 10 सीटें जीती थी आज उन्हीं सीटों पर वो हार गयी है। आज दुष्यंत चौटाला न घर के रहे हैं, न घाट के।
परिवार से ठुकराए जाने बाद किंगमेकर बनकर उभरे थे दुष्यंत चौटाला
Jannayak Janta Party: अपने परिवार से अलग होकर दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता पार्टी (JJP) बनाई और 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़े। दुष्यनत 10 सीटें जीत कर किंगमेकर बन गए और भाजपा के साथ गठबंधन कर सरकार में उप-मुख्यमंत्री बन गए। लेकिन हाल के चुनावों में, JJP ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर हनुमान बेनीवाल की तरह भीम पार्टी के चंद्रशेखर से गठबंधन कर लिया। उन्हें लगा कि ऐसा करने से वो जीत जाएंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इतनी तेजी से हरियाणा की राजनीति में हल्ला मचाने वाली दुष्यंत की पार्टी से आखिर गलती कहाँ हो गयी?
बीजेपी से गठबंधन तोडना थी गलती
पहले माना जा रहा था कि भाजपा के साथ गठबंधन करने से जजपा से जाट वोटर नाराज है, लेकिन भाजपा का ही इन सीटों पर आगे होना ये बताता है कि जजपा का भाजपा से अलग होना भी हरियाणा की जनता को पसंद नहीं आया। इन्हें लगा था किये भीम पार्टी के चंद्रशेखर से गठबंधन करेंगे तो जीत जायेंगे। लेकिन अब इनकी हालत ये हो गयी है ये न घर के रहे हैं न घाट के। इनका बीजेपी से गठबंधन तोडना एक बड़ी गलती थी।
बीजेपी हरिया में गैर जाट पॉलिटिक्स करने की तैयारी में
एक तरफ जहां बीजेपी हरियाणा में गैर-जाट पॉलिटिक्स करके अपनी सियासी जमीन तैयार कर रही हैं वहीं जेजेपी की राजनीति पूरी तरह से जाट समुदाय के चारों ओर घूमती है।इस बार ज्यादातर जाट समुदाय ने कांग्रेस को वोट दिया है। दुष्यंत चौटाला ने साढ़े चार साल तक बीजेपी से सटकर भले ही सत्ता का सुख भोगा हो, लेकिन गठबंधन उन्होनें ऐसे समय पर तोडा है कि अबकी बार राजनीती में से उनका नाम पूरी तरह से सिमट चुका है। इतना ही नहीं जेजेपी के विधायकों के टूटने का खतरा भी दिखाई दे रहा है। दुष्यंत चौटाला इस समय कहीं के नहीं बचे हैं।