कम उम्र में ही बच्चों को आजकल हार्ट अटैक का खतरा है। आये दिन हम ऐसी खबरे पढ़ते है जहा 10 वर्ष से भी कम आयु के बच्चो को हार्ट अटैक आ जाता है और उनकी मृय्तु हो जाती हैं। एक्सपर्ट्स की माने तो इसकी वजह उनकी बिगड़ी लाइफस्टाइल और खानपान है। इसके साथ ही बच्चो पर पढाई और एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटीज को लेकर बढ़ता तनाव भी एक बड़ी वजह है। अगर समय रहते इन पर ध्यान न दिया जाए तो बढ़ती उम्र के साथ इसका रिस्क भी बढ़ जाता है।
कम खेलना और टहलना बन रहा खतरा
कार्डियोलॉजिस्ट्स के अनुसार, आजकल बच्चे फिजिकली काफी काम एक्टिव है, और घर की बजाय बहार का जंक फ़ूड ज़्यादा पसंद कर रहे है । इसके साथ ही पढ़ाई का तनाव भी उनकी परशानी की वजह बन चुका है। ऐसे में पैरेंट्स को सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि जरा सी लापरवाही बच्चे की सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। इसके अलावा आजकल बच्चे टहलना और खेलना कम कर रहे हैं, जो उनमे हार्ट अटैक की वजह बन रहा है। फिजिकल एक्टिविटी काम होने के बाद जब बच्चा इंस्टेंट नूडल,पास्ता, बर्गर इन जैसी फैटी चीजें खता है तो उनमे हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ता है। इसमें दोष माँ-बाप का है क्योकि आजकल के बिजी स्केडुल में वो अपने बच्चे को हेअल्थी खाना देने की जगह दो मिनट में बनने वाला ब्रेकफास्ट दे रहे है। बच्चो को बिजी रखने के लिए फ़ोन और टेलीविज़न पर ज़्यादा टाइम बिताने की इज्जाजत दे रहे है न की उन्हें बहार जा कर खेलने की सलाह दे रहे है।
बच्चों को हार्ट अटैक से बचाने के लिए क्या करना चाहिए :
1) फेमिली हिस्ट्री है तो सावधानी बरतें
अगर घर में किसी को हार्ट अटैक की समस्या है या थी तो ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है। कम उम्र में की गयी लापरवाही बाद में बड़ी समस्या बन जाती है। गलत खानपान से बच्चों के हार्ट में ब्लॉकेज का खतरा पैदा हो सकता है।
- मोटापे से हो सकता है हार्ट अटैक का खतरा
बच्चों में हार्ट डिजीज का सबसे बड़े कारण मोटापा है। बच्चों में मोटापे की वजह से सांस की समस्या, शुगर और अन्य बीमारी हो सकती है। अगर पैरेंट्स सही समय पर जागरूक नहीं हुए तो दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
3) पढ़ाई का तनाव
एक्सपर्ट्स का कहना है कि बहुत से पैरेंट्स छोटी-छोटी चीजों को इग्नोर कर देते हैं, जो बच्चों के लिए ठीक नहीं है। हमारे समाज में पढ़ाई को लेकर बड़ा तनाव है. घर से बाहर जाकर बच्चे गलत चीजें खाते हैं, कई बार तो कम उम्र में नशे के भी शिकार हो जाते हैं, पढ़ाई को लेकर भी तनाव लेते हैं, जो उनके दिल को खोखला कर देता है और गंभीर खतरे बढ़ा देता है।