GEN Z Generation: हाल ही में हुए एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि आजकल ज्यादातर बड़ी कंपनियां यंग जनरेशन को नौकरी देने से बच रही है। अगर नौकरी देती भी तो कुछ समय बाद ही कंपनी से निकाल देती है। कंपनियों का कहना है कि वो हाल ही में कॉलेज पास आउट जनरेशन को जॉब देने से बचना चाहती हैं। क्यूंकि उनके काम करने के तरीके, कम्युनिकेशन स्किल्स, और काम को लेकर उनका लापरवाह अंदाज पसंद नहीं आ रहा है।
युवाओं को क्यों काम पर नहीं रखना चाहती बड़ी कंपनियां?
इंटेलीजेंट डॉट कॉम द्वारा किया गए सर्वे के मुताबिक, 10 में 6 कंपनीज ने कहा कि उन्होनें इस साल कई कॉलेज स्टूडेंट्स को नौकरी से निकाला है। वही सात में से एक रिक्रूटर का कहना है की वो GEN Z जनरेशन को जॉब नहीं देना चाहते हैं।
इस सर्वे में लगभग 1000 कंपनियों ने भाग लिया जिसके परिणाम सबसे पहले “न्यूजवीक” ने जारी किये थे। रिपोर्ट में इंटेलिजेंट डॉट कॉम के मुख्य शिक्षा और करियर विकास सलाहकार ह्यू गुयेन ने कहा कि हाल ही में पास हुए युवाओं को वर्क कल्चर अपनाने में दिक्कत हो सकती है।
युवाओं में प्रोफेशनलिस्म की कमी
गुयेन ने कहा कि आजकल युवाओं के पास किताबी ज्ञान तो होता है लेकिन आमतौर पर व्यावहारिक, वास्तविक दुनिया के अनुभव और ऑफिस के वर्क कल्चर में शामिल होने के लिए जरूरी स्किल्स नहीं होती है। आजकल युवाओं में काम को लेकर फोकस की कमी, आलस, और अपने काम के प्रति लापरवाही होती हैं। ये सब डिजिटल दुनिया में पले-बड़े होने का नतीजा है। युवा कर्मचारी सोशल मीडिया पर चलने वाले पॉलिटिकल और सोशल कैंपेन से बहुत जल्दी प्रभावित होते हैं। इससे कंपनियों का काम-काज प्रभावित होता है और उनके लिए सर दर्द पैदा होता है।
एक्सपर्ट्स ने बताये कारण
कई एक्सपर्ट्स ने इस पैटर्न के लिए शिक्षा प्राणली को जिम्मेदार ठहराया है।
हर एडवाइजर न्यूजवीक को बताया कि आज एजुकेशन बिहेवियर से ज्यादा सिद्धांत पर जोर देती है। ग्रीक पौराणिक कथाओं केथाओं को सीखना आकर्षक जरूर है लेकिन तब तक जब तक आप इसे पढ़ा रहे है। क्या ये आपको प्रोफेशनल बना सकती है? आजकल शिक्षा ये नहीं कर सकती।