Tirupati Controversy: तिरुपति मंदिर भारत के सब प्रसिद्द मंदिरों में से एक है। यहां हर 3 करोड़ से भी कयदा दर्शनार्थी, दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इन दर्शनार्थयों को प्रसाद के रूप में लड्डू दिए जाते हैं। यही प्रसाद के लड्डुओं के कारण आज राजनीती में बवाल मच गया है।
तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले लड्डू इन दिनों विवाद का केंद्र बने हुए है। कथित तौर पर आंध्रप्रदेश के तिरपति मंदिर में प्रसादम में घी की जगह जानवरों की चर्बी, फिश ऑइल का इस्तेमाल किया जा रहा था। ये आरोप और किसी ने नहीं खुद आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने YSR कांग्रेस की पिछली सरकार पर लगाए हैं। उन्होनें कहा कि तिरुपति भोग के लिए बनाये जाने वाले लड्डुओं घी की जगह जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल से बनाये जा रहे थे। इससे मंदिर की पवित्रता और लोगों की आस्था के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ हुआ है।
इन्हीं सैम्पल्स ने खुलासा किया कि लड्डू बनाने के लिए जो घी इस्तेमाल हो रहा था वो असल में मिलावटी है। रिपोर्ट में कहा गया कि इसमें फिश ऑयल, एनिमल टैलो और लार्ड भी हो सकते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि एनिमल टैलो का मतलब पशु में मौजूद फैट से होता है। लार्ड का मतलब जानवरों की चर्बी होता है। इस ही रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ था कि इन लड्डुओं में फिश ऑयल भी हो सकता है।
घी की जगह बीफ का इस्तेमाल कैसे हो सकता है?
Tirupati Controversy: नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड की जारी की गयी रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ कि तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम में घी की जगह बीफ का इस्तेमाल हो रहा था। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड ने लड्डू में चर्बी और बीफ के इस्तेमाल किये जाने की पुष्टि की है।
गौरतलब है कि लड्डुओं को बांधने में घी अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर लड्डुओं में घी की जगह बीफ दाल दिया जाए तो वो बिल्कुल घी की तरह काम करता है। ऐसे में बताया जा रहा है कि इसी तरह लड्डुओं में बीफ और जानवरों की चर्बी इस्तेमाल हुए हैं।