हैदराबाद के सिकंदराबाद में भगवान गणेश की एक प्रतिमा को लेकर विवाद छिड़ गया है। लोगों ने भगवन गणेश की प्रतिमा के मुस्लिम अवतार में होने पर विरोद किया है। हालाँकि उत्सव के आयोजकों ने कहा कि इस उत्सव का थीम फिल्म “बाजीराव मस्तानी” से प्रेरित था। मगर फाइनल प्रेजेंटेशन उम्मीद के मुताबिक ना होने के कारण लोगों को ग़लतफहमी हो गयी।
कैसी है मूर्ति
गणेश जी की इस प्रतिमा को हर्रे रंग का कुरता और पिले रंग की धोती पहनाई गयी है। इसके साथ ही उनको काले रंग की टोपी भी पहनाई गयी है। इस टोपी को लेकर ही काफी विवाद छिड़ गया था। जिसके बाद उसकी जगह पर दूसरे पैटर्न की टोपी पहना दी गयी। ऐसे में शहर में यूथ एसोसिएशन का कहना है कि गणेश उत्सव के लिए फिल्म बाजीराव मस्तानी का थीम चुना था, मगर थीम का आउटपुट सही नहीं था और लोगों ने हमें गलत समझा। उन्होंने आगे कहा कि वो इसपर कोई टिपण्णी नहीं करना चाहते।
कब होगा विसर्जन ?
गणेश चतुर्थी का त्यौहार 10 दिन तक मनाया जाता है। इसबार यह त्यौहार 7 सितम्बर से लेकर 17 सितम्बर तक मनाया जायेगा । 17 तारिक को देशभर में गणेश जी का विसर्जन किया जायेगा। बता दें कि भगवान गणेश हिंदुओं के अराध्य हैं, और किसी भी शुभ काम से पहले उनकी अराधना की जाती है।
क्यों सबसे पहले होती है पूजा ?
ऐसा माना जाता है कि एक बार देवताओं के बीच धरती की परिक्रमा करने की प्रतियोगिता हुई, जिसमें जो सबसे पहले परिक्रमा पूरी करके लौटने वाले को सर्वश्रेष्ठ माना जाता। इस प्रतियोगिताओ में सभी देवताओं के पास गति से दौड़ने वाले वहां थे मगर गणेश जी के पास मूषक था। तब उन्होंने अपनी बुद्धि का प्रयोग किया और अपने माता-पिता शिव और पार्वती की ही परिक्रमा कर ली। क्योंकि उनके लिए माता-पिता ही पूरा ब्रह्माण्ड थे। उनकी इस बुद्धिमानी के बाद सभी देवताओं ने सहमति जताई और गणेश जी को अग्रपूजक माना जाने लगा।