Chandan Gupta Hatyakand: कासगंज के चंदन गुप्ता हत्याकांड में 28 दोषियों को एनआईए की विशेष कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। चंदन गुप्ता हत्याकांड में छह साल बाद दोषियों को सजा सुनाई गयी है। इस दौरान 28 में से 26 दोषी कोर्ट में मौजूद रहे। एक दोषी जिसका नाम सलीम था व्हीलचेयर पर बैठकर सरेंडर करने पहुंचा था।
उत्तर प्रदेश के कासगंज का चंदन गुप्ता हत्याकांड पूरे देश भर में चर्चित है। शुक्रवार को इस मामले में लखनऊ स्थित एनआईए की विशेष कोर्ट ने 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। बता दें कि इससे पहले दो आरोपियों को रिहाह कर दिया गया था।
सजा पाने वालों के ये 28 नाम
Chandan Gupta Hatyakand: उम्रकैद की सजा पाने वाले दोषियों में दो भाई वसीम जावेद और नसीम जावेद, जग्गा उर्फ मोहम्मद, जाहिद कुरैशी, आसिफ कुरैली उर्फ हिटलर, अकरम, असलम कुरैशी, खिल्लन, तौफीक,राहत, सलमान, शवाब अली खान, आसिफ जिमवाला, बबलू, साकिब, नीशू उर्फ जीशान, , वासिफ, इमरान, जफ़र, साकिर, समशाद, खालिद परवेज, फैजान, इमराम, मो आमिर रफ़ी, मुनाजिर और सालिम के नाम शामिल है। इससे पहले एनआईए कोर्ट ने नसरुद्दीन और असीम कुरैशी को कोई सबूत ना मिल पाने के कारण बरी कर दिया था।
28 में से 26 दोषी अदालत में मौजूद रहे
Chandan Gupta Hatyakand: सांप्रदायिक हिंसा भड़कने की वजह से ये मामला काफी सुर्खियों में रहा। और चंदन की मृत्यु के बाद कासगंज काफी लम्बे समय तक हिंसा की आग में झुलसता रहा। अदालत के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने आरोपियों को हत्या के प्रयास, हत्या,दंगा करने और राष्ट्रीय झंडे के अपमान जैसे मामलों में दोषी करार किया। इन 28 दोषियों में से 26 लोग अदालत में सजा सुनने के वक्त मौजूद रहे, जबकि एक अभियुक्त मुनाजिर की पेशी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़े। अदालत ने एक अन्य आरोपी सलीम के लिए गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जो मुकदमे में सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद नहीं था।
कासगंज के बाद लखनऊ हुआ था केस ट्रांसफर
Chandan Gupta Hatyakand: अदालत के निर्णय के बाद इन आरोपियों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया था। भारतीय दंड संहिता की इन धाराओं के अलावा बबलू, राहत, मोहसिन, नसीम, वसीम और सलीम को शास्त्र अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया। घटना के समय इन लोगों के पास हथियार थे। अभियोजन पक्ष ने 18 गवाह पेश किए, जबकि बचाव पक्ष ने 23 गवाह पेश किए। कासगंज में शुरुआती सुनवाई के बाद इस मामले को लखनऊ ट्रांसफर कर दिया गया था।
छह साल बाद चंदन को मिला न्याय
कैसे हुआ था चंदन गुप्ता हत्याकांड: 26 जनवरी 2018 को कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें विशेष समुदाय द्वारा चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया और सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दिया, जिसकी चपेट में कासगंज कई दिनों तक जलता रहा। चंदन गुप्ता की इस निर्मम हत्या के बाद उनके लिए न्याय की लड़ाई शुरू हुई, जो अब जाकर, छह साल बाद अपने अंजाम तक पहुंची है।