1971 India-Pakistan War: हाल के भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान देश के एक वर्ग का रुख बार-बार बदलता दिखा। पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कार्रवाई न करने के आरोप लगे, फिर युद्ध की माँग की गई, लेकिन जैसे ही जवाबी कार्रवाई हुई, वही वर्ग युद्ध के विरुद्ध बोलने लगा। और अब युद्धविराम होते ही फिर आलोचना शुरू हो गई कि मोदी इंदिरा गांधी जैसे ‘कड़े’ नहीं हैं।
Table of Contents
1971 का युद्ध: जीत या अधूरी रणनीति?
1971 India-Pakistan War: 1971 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक युद्ध लड़ा, जिसमें पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) को अलग कर दिया गया। इसे एक बड़ी सैन्य और कूटनीतिक जीत माना गया। लेकिन क्या वाकई यह जीत इतनी संपूर्ण थी जितना बताया गया?
बांग्लादेश निर्माण, भारत के हित में या एक नया संकट?
1971 India-Pakistan War: भारत ने एक इस्लामिक राष्ट्र की स्थापना में भूमिका निभाई, जो कुछ दशक पहले खुद भारत से टूटकर बने पाकिस्तान का ही हिस्सा था। सवाल यह उठता है कि जब भारत के पास मौका था, तो क्यों न उस क्षेत्र को भारत में शामिल किया गया? आज वही बांग्लादेश हिंदुओं के लिए असुरक्षित बन चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वहाँ हिन्दू जनसंख्या में भारी गिरावट आई है और कई मामलों में जेनोसाइड जैसे हालात बन चुके हैं।
93,000 पाकिस्तानी सैनिकों की वापसी, एक कूटनीतिक चूक?
1971 India-Pakistan War: भारत ने उस युद्ध में पाकिस्तान के लगभग 93,000 सैनिकों को बंदी बनाया था। लेकिन बिना किसी ठोस शर्त के—जैसे कि पाक-ऑक्युपाइड कश्मीर (PoK) की वापसी—उन्हें कुछ ही महीनों में पाकिस्तान को लौटा दिया गया। बताया जाता है कि उन्हें भारत में अच्छे भोजन और सुविधाओं के साथ रखा गया, लेकिन बदले में भारत को कुछ भी हासिल नहीं हुआ।
जिनको कभी इंदिरा गाँधी वापस नहीं ला सकी
वहीं दूसरी ओर, भारत के 54 वायुसेना जवानों को पाकिस्तान ने युद्ध के दौरान बंदी बना लिया था। आरोप हैं कि इंदिरा गांधी सरकार उन्हें वापस लाने में नाकाम रही। आज भी कई परिवारों को विश्वास है कि उनके सपूत पाकिस्तानी जेलों में मारे गए या अमानवीय परिस्थितियों में रखे गए।
इंदिरा गांधी को ‘आयरन लेडी’ कहा जाता है, लेकिन अब समय आ गया है कि उनके निर्णयों का वस्तुनिष्ठ विश्लेषण किया जाए। 1971 का युद्ध एक बड़ी सैन्य सफलता थी, लेकिन क्या उससे भारत ने अधिकतम रणनीतिक लाभ उठाया? या यह एक अधूरी जीत थी, जिसे भावनात्मक आवरण में लपेट दिया गया?