Saturday, August 16, 2025

16 August 1946: डायरेक्ट एक्शन डे, जब हिंदुओं पर टूटा था खौफनाक कहर, सुनकर आज भी रुह कांप जाए

16 August 1946: भारत की स्वतंत्रता से एक साल पहले, 16 अगस्त 1946 को कोलकाता की धरती खून से लाल हो गई थी।

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मोहम्मद अली जिन्ना के आदेश पर मुस्लिम लीग ने डायरेक्ट एक्शन डे का ऐलान किया और देखते ही देखते 72 घंटे के भीतर 6 हज़ार से ज्यादा हिंदुओं का कत्लेआम कर दिया गया।

इस दौरान हजारों माताओं-बहनों के साथ बलात्कार हुआ और लाखों हिंदुओं को पलायन करना पड़ा।

जिन्ना की धमकी और पाकिस्तान की मांग

16 August 1946: 16 मई 1946 को ब्रिटिश कैबिनेट मिशन भारत आया था ताकि सत्ता हस्तांतरण की योजना बनाई जा सके।

लेकिन जिन्ना ने सामने रख दी अलग पाकिस्तान की मांग। जुलाई 1946 में मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिन्ना ने पाकिस्तान न बनने पर डायरेक्ट एक्शन की धमकी दी।

इसके कुछ ही हफ्तों बाद 16 अगस्त को इस योजना को अंजाम दिया गया।

सुहरावर्दी की अगुवाई में खूनी खेल

16 August 1946: बंगाल के प्रधानमंत्री और मुस्लिम लीग नेता हसन शहीद सुहरावर्दी ने कोलकाता में इस नरसंहार की कमान संभाली।

नमाज के बाद जिहादी भीड़ ने हिंदुओं पर हमला बोल दिया। पूरे शहर में आगजनी, लूटपाट, बलात्कार और हत्या का सिलसिला शुरू हो गया।

बच्चों के सिर काटकर उनसे फुटबॉल खेली गई और हजारों महिलाओं को अमानवीय यातनाएँ दी गईं।

संगठित साजिश और प्रशासन की भूमिका

16 August 1946: नरसंहार को अंजाम देने के लिए दूर-दराज़ से मुस्लिम भीड़ को बुलाया गया। पंजाब से 1200 मुस्लिम गार्ड्स को कोलकाता लाया गया और पुलिस थानों की कमान भी मुस्लिम अफसरों को दी गई।

हिंदुओं को जबरन घरों से निकालकर कत्ल किया गया, लाशें नालों और हुगली नदी में फेंक दी गईं।

अनगिनत परिवार आग में जिंदा जलाकर राख कर दिए गए।

कम्युनिस्ट और मुस्लिम लीग का गठजोड़

16 August 1946: इस नरसंहार में कुछ वामपंथी नेता भी शामिल थे।

कम्युनिस्ट नेता सईद अब्दुल्ला फारुकी ने जिहादी भीड़ के साथ मिलकर ओड़िया मजदूरों की बस्तियों पर हमला किया।

केसोराम कोटन मिल्स के करीब 600 मजदूरों का निर्मम कत्ल कर दिया गया। यहाँ तक कि मजदूरों द्वारा दिखाए गए कम्युनिस्ट पार्टी के कार्ड भी उन्हें बचा न सके।

कोलकाता से नोआखाली तक फैली हिंसा

16 August 1946: कोलकाता में शुरू हुई यह हिंसा जल्द ही नोआखाली, बिहार और पंजाब तक फैल गई।

सड़कों पर लाशें बिछ गईं, गिद्ध मंडराने लगे और शहर शमशान जैसा दिखने लगा।

महिलाओं के नग्न शव मांस की दुकानों पर लटकाए गए और हिंदू समाज को रौंदने का पूरा प्रयास किया गया।

बंटवारे की नींव और हिंदुओं की त्रासदी

16 August 1946: डायरेक्ट एक्शन डे के बाद कांग्रेस मुस्लिम लीग के सामने झुक गई।

नेहरू और गांधी ने बंटवारे को स्वीकार कर लिया और पाकिस्तान की नींव रख दी गई।

14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान बना, और उसके साथ शुरू हुआ हिंदुओं का दूसरा बड़ा नरसंहार।

करीब 20 लाख हिंदू मारे गए, लाखों महिलाओं का बलात्कार हुआ और डेढ़ करोड़ हिंदुओं को विस्थापित होना पड़ा।

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