Navratra 2024: शारदीय नवरात्री की शुरुवात 3 अक्टूबर से हो चुकी है। नवरात्रि पर्व की हिंदू धर्म में बहुत मान्यता है। इसमें पूरे नौ दिनों तक मां के नौ रूपों की विधि-विधान से पूजा होती है। वहीं आज माँ दुर्गा के तीसरे स्वरुप चंद्रघंटा नवरात्री का तीसरा दिन है। ऐसा मन जाता है की इस दिनों मां की अराधना करने से घर में शांति और सुख-समृद्धि आती है।
नवरात्री पर क्यों खेला जाता है गरबा और डांडिया
हिन्दू धर्म में नवरात्री बड़े ही धूम धाम से मनाई जाती है। इन दिनों पुरे देश में अलग सी ही चहल-पहल रहती है। नवरात्री पर लोग माँ की पूजा अर्चना तो करते ही है मगर इसके साथ-साथ गरबा और डांडिया का भी भरपूर आनंद उठाते है। इनके बिना तो नवरात्रि का पर्व अधूरा ही रहता है।
गरबा का अर्थ है “गर्भ” या “अंदर का दीपक”। यह देवी शक्ति की अराधना का प्रतीक है। नवरात्रि के नौ दिनों में लोग मिट्टी के एक मटके में दीपक जलाते है जिसे “गरबी” कहा जाता है। इस मटके को मां दुर्गा की शक्ति और उर्जा के रूप में जाना जाता है और इसके चारों ओर लोग गरबा नृत्य करते हैं.
ऐसे में अगर बात क्यों खेलने की करें, तो गरबा का अर्थ होता है “गर्भ” या “अंदर का दीपक। यह देवी शक्ति की अराधना का प्रतीक है। नवरात्रि के नौ दिनों में लोग मिट्टी के एक मटके में दीपक जलाते है इसे मां दुर्गा की शक्ति और उर्जा का रूप मन कर इसके चारों ओर गरबा नृत्य करते हैं। गरबा के इस गोल घेरे को ब्रह्मांड के निरंतर चलने वाले चक्र का प्रतीक माना जाता है, वहीं इस मटके को “गरबी” कहा जाता है।
गरबा नृत्य मां दुर्गा की स्तुति में गाए जाने वाले लोकप्रिय गीतों पर किया जाता है। गरबा एक पारंपरिक नृत्य है इसकी परंपरा गुजरात में सबसे ज्यादा है पर धीरे-धीरे हर शहर और राज्य में गरबा नृत्य लोकप्रिय हो गया है। यह नृत्य भक्तों की मां दुर्गा पर अटूट विश्वास और आस्था को दर्शाता है।
वहीं डांडिया नृत्य में सभी लोग लकड़ी की छड़ियों का उपयोग करके एक दूसरे के साथ नृत्य करते है। यह देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच हुई लड़ाई का प्रतीक है। जिसमे इन छडियो को मां दुर्गा की तलवार का प्रतीक माना गया है, जो बुराई का विनाश करता है।