APP’s strings on Dalits: बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर को लेकर चल रहे राजनीतिक बवाल का फायदा उठाने का प्रयास आम आदमी पार्टी (आप) ने किया है। भाजपा और कॉन्ग्रेस के बीच डॉ अम्बेडकर के सम्मान को लेकर जारी बहस के बीच केजरीवाल ने उनके नाम पर एक योजना चालू करने का ऐलान किया है। यह योजना दलित छात्रों के लिए लाई गई है। शनिवार (21 दिसम्बर, 2024) को दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल ने इस योजना की जानकारी दी। केजरीवाल यहाँ ‘डॉक्टर अंबेडकर सम्मान स्कॉलरशिप’का ऐलान किया, जिसका फायदा दलित बच्चों को दिया जाएगा। केजरीवाल ने कहा है कि यह योजना उन दलित बच्चों को फायदा देगी जो विदेश जाकर पढ़ना चाहते हैं। उन बच्चों को दिल्ली सरकार स्कॉलरशिप देगी।
योजना कब से, फायदा कैसे, इसकी घोषणा नहीं
केजरीवाल ने कहा कि विदेशों में दलित बच्चों की पढ़ाई के साथ ही उनके आने-जाने का भी खर्च भी दिल्ली सरकार उठाएगी। यह योजना उन बच्चों पर भी लागू होगी, जिनके माता-पिता सरकारी सेवा में हैं। हालाँकि, केजरीवाल ने यह नहीं बताया कि यह योजना कब से चालू होगी और इसका फायदा कैसे लिया जा सकेगा। केजरीवाल ने यह ऐलान ऐसे समय में किया है जब भाजपा अम्बेडकर के अपमान को लेकर कॉन्ग्रेस पर हमलावर है और इतिहास के पन्नों से लगातार चौंकाने वाली जानकारियाँ सामने रख रही है। वहीं कॉन्ग्रेस गृह मंत्री अमित शाह पर डॉ अम्बेडकर का अपमान करने का आरोप लगा रही है। तमाम हैंडल्स ने उनका एक आधा-अधूरा क्लिप भी वायरल किया है।
आगामी विधानसभा चुनाव में दलित वोटर लुभाने का खेल
केजरीवाल का यह ऐलान दिल्ली में दलित वोटरों में दायरा बढ़ाने और आगामी विधानसभा चुनाव में फायदा लेने के कदम के तौर पर देखा जा रहा है। अधिकांश शहरी जनसंख्या वाली दिल्ली में लगभग 20% वोटर दलित हैं और वह विधानसभा चुनाव में बड़ा रोल निभाते हैं। AAP को इससे पहले विधानसभा चुनावों में दलितों का अच्छा ख़ासा वोट मिला है।
राज कुमार आनंद जैसे दलित चेहरे छोड़ चुके AAP
बीते कुछ समय में राज कुमार आनंद जैसे दलित चेहरों ने AAP छोड़ी है। अब केजरीवाल फिर से यह दिखाना चाहते हैं कि वह दिल्ली में दलितों के हितैषी हैं और उनका वोट बटोरना चाहते हैं। राज कुमार आनंद ने इस्तीफ़ा देने के समय दिल्ली सरकार को दलित विरोधी करार दिया था। यह योजना आगामी चुनावों में कितना असर डालेगी, यह परिणाम देखकर पता चलेगा। जिस तरह की योजना का ऐलान केजरीवाल ने किया है, केंद्र सरकार ऐसी ही योजनाएँ पहले ही चलाती है। इसके तहत पिछले कुछ वर्षों में सैकड़ों दलित छात्र विदेश पढ़ने जा चुके हैं।
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