Water During Heart Attack: हार्ट अटैक आने पर पानी पिलाना फायदेमंद या नुकसानदायक ?जब किसी को हीट अटैक आता है तो अक्सर लोग व्यक्ति को अटैक के समय या तुरंत बाद रिलैक्स होने के लिए पानी पिलाते है। मगर क्या यह सही है या इससे समस्या बढ़ सकती है।
डॉक्टर्स की माने तो कभी भी किसी भी इंसान को दिल का दौरा पड़ने के समय पानी या कुछ भी खाने के लिये नहीं देना चाहिए, ऐसा करने से व्यक्ति को दूसरी परेशानियां हो सकती है। इसलिए डॉक्टर्स हार्ट अटैक पड़ने पर सबसे पहले पेशेंट को इमरजेंसी वार्ड में एडमिट करने की सलाह देते हैं।
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Water During Heart Attack: क्या है पानी न पिलाने का कारण
रिस्क ऑफ़ एस्पिरशन: अगर व्यक्ति बेहोश है, या साँस लेने में मुश्किल महसूस कर रहा है तो उसे पानी पिलाने या कुछ भी खिलाने से वो चीज़ उसके फेफड़ो में फस सकती है जिसकी वजह से उसको घुटन या एस्पिरेशन का जोखिम है।
हाइड्रेशन: हाइड्रेटेड रहना हृदय की विफलता के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है। हालांकि, हृदय संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को आमतौर पर तरल पदार्थ के सेवन पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है, क्योंकि अधिक तरल जमा होने से हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।
मेडिकल प्रोटोकॉल: चिकित्सा पेशेवरों को ऐसी प्रक्रियाएं करने की आवश्यकता हो सकती है, जिनमें मरीज का खाली पेट रहना जरूरी होता है, जैसे सर्जरी या कुछ विशिष्ट दवाओं का सेवन।
दिल के दौरे के दौरान पानी पीना खतरनाक नहीं है, लेकिन आपको तुरंत आपातकालीन सेवाओं को कॉल करना चाहिए। वहीँ दिल का दौरा पड़ने पर खाने-पीने से आम तौर पर इसलिए मना किया जाता है क्योंकि इससे उल्टी हो सकती है, जो घुटन का कारण बन जाती है।
Water During Heart Attack: हार्ट अटैक के लक्षण
- सीने में दर्द या बेचैनी
- सांस लेने में तकलीफ़
- चक्कर आना
- जी मिचलाना या उल्टी आना
- जबड़े, गर्दन, या पीठ में दर्द
- हाथों या कंधों में दर्द या बेचैनी
- ठंडा पसीना आना
- दिल की धड़कन तेज़ होना
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